(इंडिया न्यूज),जयपुर: (Secret of Holika Dahan) दैत्य राजा हिरण्यकश्यप अपने बेटे प्रह्लाद को भगवान श्री विष्णु की भक्ति करने से मना करता था। लेकिन प्रह्लाद ने पिता की एक न सुनी। आखिरकार हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को कष्ट देना शुरू कर दिया और बहन होलिका से गुहार लगाई कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए।
क्योंकि होलिका को शिवजी से वरदान प्राप्त था कि, वह आग से जल नहीं सकती। होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका अग्नि में जल गई। इसलिए हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन अग्नि जलाकर होलिका दहन किया जाता है।
देश के विभिन्न हिस्सों में होली को डोल पूर्णिमा, रंगवाली होली, धुलंडी, धुलेटी, मंजल कुली, याओसंग, जजिरी, उकुली, शिगमो, फगवा आदि जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी के निर्देशों के बाद विभाग ने जयपुर शहर में धूलण्डी के दिन दोपहर में विशेष जलापूर्ति करने की तैयारी कर ली है। दोपहर 1 से 2 बजे तक 1 घंटे के लिए जयपुर में अतिरिक्त पानी की सप्लाई होगी। जयपुर शहर में जलापूर्ति व्यवस्था देख रहे जलदाय विभाग के अभियंताओं ने बताया कि धूलण्डी के दिन दोपहर में एक घंटे विशेष जलापूर्ति की व्यवस्था कर ली है। इसके कारण नियमित आपूर्ति में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा।