Sugar Control: अगर आप भी डायबिटीज़ के मरीज है या हाल ही में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगा है, तो ऐसे में खाने को लेकर सोचने में मजबूर हो जाते है कि क्या खाएं और क्या न खाएं एक बड़ी समस्या बन जाती है। अगर आप भी ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो नट्स आपको लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
आपको बता दें कि नट्स यानी ड्राईफ्रूट्स मोनोसैचुरेटेड और पॉलीसैचुरेटेड फैट्स, फाइबर, विटामिन्स, खनिज पदार्थ और फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं। इस बारे में डाइटीशियन्स का मानना है कि जब एक व्यक्ति नट्स खाता है, तो उसका पेट फौरन भर जाता है। इसकी वजह से व्यक्ति खाना कम खा पाता है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहता है।
1. काजू में एंटी-डायबीटिक गुण पाए जाते हैं, जबकि फैट की मात्रा ज्यादा होती है। इसमें अधिक गुड फैट्स होते हैं, जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को फायदा पहुंचाते हैं। काजू का रोज़ाना सेवन बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जिससे दिल की बीमारी का ख़तरा टलता है। साथ ही यह ब्लड शुगर के स्तर को भी कम करता है।
2. बादाम में फाइबर, विटामिन-ई, मैग्नीशियम, और विटामिन-बी12 की अच्छी मात्रा होती है, इसलिए इसे स्नैक के तौर पर भी खाया जा सकता है।
3. पिस्ता खाने से टाइप-2 डायबिटीज़ में ग्लायसेमिक इंडेक्स में सुधार भी किया जा सकता है। इसमें ग्लायसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। पिस्ता का अच्छी मात्रा में सेवन करते हैं तो ग्लूकोज़, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल और पूरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में भी सुधार हो सकता है।
4. अखरोट ओमेगा-3 से भरपूर होता है, जिसका इस्तेमाल अखरोट का तेल बनाने में भी किया जाता है। अखरोट में प्रोटीन और पॉलीसैचुरेटेड फैट्स के साथ ही अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स भी होते हैं, जो ग्लूकोज़ को कंट्रोल करने और भूख को दबाने में मददगार साबित होते हैं।
5. मूंगफली फाइबर, प्रोटीन और फैट्स से भरपूर होने के साथ इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। इसलिए मूंगफली शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकती है।