इंडिया न्यूज़, बाड़मेर।
Sterilization Camp : राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Chauhtan Community Health Center) में नसबंदी के दौरान विवाहिता की अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। 40 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी परिजनों ने शव को नहीं उठाया। परिजन और समाज के लोग स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर मोर्चरी के आगे धरने पर बैठे हुए हैं। (Sterilization Camp)
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जिला प्रशासन की ओर से चौहटन एवं बाड़मेर उपखंड अधिकारी, बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल अधीक्षक एवं एनजीओ (NGO) के पदाधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समाज और परिजनों के बीच में तीन दौर की वार्ता विफल हो चुकी है, लेकिन प्रशासन के अधिकारी लगातार परिजनों और समाज के लोगों को समझाने में जुटे हुए हैं। (Sterilization Camp)
चौहटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी शिविर में राणासर निवासी गीता देवी को नसबंदी के लिए लाया गया था और नसबंदी के बाद में उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई, जहां से उसे बाड़मेर जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मौके पर पहुंची चौहटन थाना पुलिस ने शव को जिला अस्पताल मोर्चरी में रखवाया है और परिजन लगातार मुआवजे की मांग और लापरवाह एएनएम (ANM) और चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने लापरवाह एएनएम (ANM) तारा कश्यप (Tara Kashyap) और चिकित्सक डॉ एमएल अग्रवाल (ML Agarwal) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। (Sterilization Camp)
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