अजमेर: (Suspended ASP Divya Mittal in bribery case) नशीली दवाइयों की तस्करी के मामले में निर्माता कम्पनी के संचालक की गिरफ्तारी नहीं करने की एवज में दो करोड़ रुपये की घूस मांगने के मामले में आरोपी निलंबित ASP दिव्या मित्तल को रविवार को एसओजी की टीम कोर्ट में लेकर पहुंची। इसके बाद जज के घर ले जाया गया। एसओजी ने पांच दिन की रिमांड मांगी थी। हालांकि तीन दिन की रिमांड दी गई। चार अप्रैल तक होगी रिमांड की अवधि।
एडिशनल एसपी एसओजी जोधपुर कमल सिंह ने रविवार शाम निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल को न्यायाधीश गौरव गर्वा के निवास पर पेश किया। दिव्या को लोहाखान सिविल लाइंस स्थित जज गौरव गर्वा के निवास पर पेश किया। एडिशनल एसपी कमल तंवर ने बताया कि पुलिस अधिकारी को निर्धारित कर्तव्यों का पालन करना होता है, लेकिन दिव्या ने कर्तव्य पालन में त्रुटि की। इसका फायदा आरोपी को मिला। एसओजी ने दिव्या का 5 दिन का रिमांड मांगा। न्यायिक अधिकारी ने पत्रावली के अध्ययन के बाद उसे 4 अप्रेल तक रिमांड पर सौंपा। एएसपी सिंह ने बताया कि दिव्या मित्तल से रामगंज थाने में 2021 में एनडीपीएस एक्ट में दर्ज प्रकरण संख्या 183 में पड़ताल की जानी है।
प्रकरण के अनुसंधान में एसओजी की अजमेर चौकी की तत्कालीन एएसपी दिव्या मित्तल ने दवा निर्माता कम्पनी के संचालक सुनील नंदवानी के गिरफ्तारी आदेश के बाद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया, जबकि उसे पूछताछ के लिए हिरासत में रखते हुए रिश्वत की मांग के आरोप लगे हैं। गिरफ्तार नहीं करने की एवज में रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप पर शनिवार 1 अप्रेल की शाम एसओजी ने दिव्या मित्तल को 50 लाख की रिश्वत के मामले में जमानत पर रिहा होने के तुरन्त बाद पुन: गिरफ्तार कर लिया था।
आपको बता दें कि निलंबित ASP दिव्या को एनडीपीएस के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि रामगंज थाने में दर्ज मामले में आरोपी सुनील नंदवानी को गिरफ्तारी की अनुमति मिलने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया, जबकि वह पूछताछ के दौरान कस्टडी में था। प्रकरण सामने आने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जहां से उसे जमानत मिली। इसी तरह प्रकरण संख्या 183 में भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया।