छड़ी की तरह दुबला-पतला, छोटे कद-काठी का होने से नही मिला कभी दुलार- कुमार सौरभ

(बॉलीवुड): कहते है कि भगवान ने जिसको जैसा बनाया है वैसे ही खुश रहना चाहिये, और लोग रहते भी है लेकिन वही कुछ लोगो के पडोसी, रिश्तेदार और देस्त उनको ये बोल-बोल कर एहसास दिलवा ही देते है कि तुम ऐसे हो या वैसे हो।

आज हम अपके लिए ऐसी ही एक कहानी लाये है जो जुड़वां पैदा हुए थे, जिनमें से एक भाई हट्टा-कट्टा, लेकिन दुसरा छड़ी की तरह दुबला-पतला, छोटे कद-काठी का ही रह गया। वो बताते है पापा, चाचा, रिश्तेदार… सभी भाई को ही प्यार करते। मुझे कभी दुलार नसीब नहीं हुआ। जब हम दोनों भाई कहीं साथ जाते, तो लोग भाई से ही बातचीत करते। मुझसे मुंह फेर लेते, अछूत की तरह देखते, बैठने तक के लिए नहीं कहते।

दूसरों के पापा गलती करने पर बच्चों की पिटाई करते हैं। जबकि मेरे पापा मुझे इसलिए मारते थे, क्योंकि मैं बौना और दुबला-पतला हूं। वो कहते थे- ‘बचपन में ही क्यों नहीं मर गया।’ मेरी मां मुझे बहुत चाहती थी। वो मेरे लिए पापा से भी लड़ जाती थी। मां अब इस दुनिया में नहीं रही।

जब मैं एक्टर बना और रणवीर कपूर, संजय दत्त जैसे बड़े स्टार्स के साथ ‘शमशेरा’ में काम किया, तो लोगों ने नाम और काम से जानना शुरू किया। नहीं तो पहले गांव में किसी ने मुझे मेरे नाम से नहीं बुलाया। हमेशा ऐ छोटू, ऐ नाटा, ऐ नाटू… यही सब कहते थे। ‘शिक्षा मंडल’, ‘निर्मल पाठक की घर वापसी’ और ‘महारानी-2’ जैसी चर्चित वेब सीरीज से पहचान मिली, तो सेल्फी लेने वालों की लाइन लग गई। जो लोग मेरी पर्सनैलिटी पर गंदे कमेंट करते थे, वो अब मेरे साथ सेल्फी लेते हैं।

मैं कुमार सौरभ, बोले तो नन्हे नहीं… डॉक्टर नन्हे अपको बता दे कि यह शिक्षा मंडल वेब सीरीज का सबसे चर्चित डायलॉग है। हरियाणा के फरीदाबाद में पैदा हुआ, लेकिन रहने वाला बिहार के कटिहार जिले का हूं। गांव-देहात, पोखर-तालाब के बीच पला-बढ़ा, खेला-कूदा हूं।

पापा दिल्ली में जॉब करते थे। एक रोज उनकी अपने बॉस से बहस हो गई और वो जॉब छोड़कर गांव वापस लौट गए। हम लोगों को भी हरियाणा से आना पड़ा। घर में खाने के लाले पड़ गए। जो सेब हम रोज खाते थे, वो सपना हो गया। पापा खेती-बाड़ी करने लगे।

मेरा एडमिशन गांव के ही ‘विद्या भारती चिल्ड्रेन एकेडमी’ में करा दिया गया। जब स्कूल जाता तो बच्चे कहते, ‘तुम्हारी हाइट नहीं बढ़ेगी क्या? तो क्या बौने ही रह जाओगे?’ मैं चुपचाप वहा से चला आता। ऐसे रिएक्ट करता जैसे मैंने इनकी बातों को सुना ही नहीं।

फिर कुछ लोगों ने कहना शुरू किया, ‘हाइट बढ़ाने के लिए दवाई खाओ, लटको, एक्सरसाइज करो।‘ मैंने दवाई खानी शुरू की। एक्सरसाइज करने लगा, लेकिन कई सालों के बाद भी कुछ नहीं हुआ। तब तक मैं 15-16 साल का हो चुका था, डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बताया कि मुझे बौनेपन से जुड़ी बीमारी है।

डॉक्टर ने कहा, हाइट-वेट नहीं बढ़ेगा। मैं परेशान हो गया। खुद को किसी बोझ की तरह देखने लगा। घुटन महसूस होने लगी। डर लग रहा था कि मैं आखिर करूंगा क्या? लोगों के कमेंट्स मेरे दिमाग में घर कर गए थे।

हीन भावना और जलालत भरी नजरों का शिकार बचपन से होता रहा। मैं कई दिनों तक कमरे में खुद को बंद कर लेता था, घुटन महसूस होती थी। कोई मेरे साथ फोटो तक नहीं खिंचवाना चाहता था।

घर में मेरी जनरेशन के सभी गवर्नमेंट जॉब, अच्छी नौकरियां कर रहे थे। भाई भी पढ़ने में तेज था, लेकिन मैं अपनी पर्सनैलिटी की वजह से अंदर ही अंदर मरा हुआ महसूस कर रहा था। इसी बीच स्कूल में होने वाले नाटक वगैरह में पार्टिसिपेट करने लगा।

तब कुछ दोस्तों को लगा कि मैं बेहतर एक्टिंग कर सकता हूं। उन्होंने मुझे एक्टर बनने के लिए मोटिवेट करना शुरू किया। मुझे याद है जब कटिहार स्थापना दिवस पर मैंने कुछ नाटक किए थे, तो कई विधायक, सांसदों और अफसरों ने मेरी तारीफ की।

गांव में बैठकर एक्टर बनने का सपना देखना मुश्किल होता है। उस वक्त ‘कटिहार इप्टा’ नाम से एक थिएटर ग्रुप चलता था, मैंने जॉइन कर लिया। उसके बाद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा की एक महीने की वर्कशॉप गया जो कि जिले में लगी थी, बिहार के 20 स्टूडेंट्स में मेरा भी सिलेक्शन हुआ।

मैं इकलौता था, जिसे NSD के प्रोफेसर रविंद्र दास ने कहा था, ‘दिल्ली चलो, वहीं पर थिएटर करना।’ यहां से मेरी लाइफ में यू-टर्न आया।

NSD का नाम तो बचपन से सुनता ही था। बाद में पापा भी चाहने लगे थे कि मैं NSD जाऊं, एक्टिंग करूं, लेकिन ब्राह्मण परिवार से होने की वजह से चाचा मेरी एक्टिंग का विरोध करते थे। कहते थे- ‘पंडित होकर नाटक-नौटंकी करोगे?’ अब वही कहते हैं, ‘मेरे लिए भी किसी विलेन का रोल देखो न… तुम तो अब एक्टर बन गए।’

2012 की बात है, मैं दिल्ली आ गया। ड्रामा करने लगा, लेकिन NSD में सिलेक्शन होने के बावजूद मेरा एडमिशन नहीं हुआ। दरअसल, अंदर-ही-अंदर मेरी सीट पर किसी और को एडमिशन दे दिया गया। प्रोफेसर कहने लगे, ‘अगले साल फिर से अप्लाई करना, एडमिशन हो जाएगा।’ लेकिन मैंने गुस्से में ठान लिया कि अब NSD तो कभी नहीं जाऊंगा।

2013 में मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा आ गया। एक साल एक्टिंग की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली लौटा और फिर मुंबई चला गया। जब बचपन में धीरे-धीरे एक्टिंग का रंग मेरे सिर चढ़ रहा था, तो जॉनी लीवर के कई वीडियोज देखता-सुनता था। सोचता था कि जब इस तरह के शक्ल-सूरत वाला आदमी इतना बड़ा एक्टर बन सकता है, तो मैं क्यों नहीं?

अपने कुछ जानने वाले दोस्तों की मदद से मुंबई पहुंचा। 15 दिन बाद ‘क्राइम पेट्रोल’ के ऑडिशन के लिए गया और सिलेक्ट हो गया, लेकिन उसके बाद काम मिलना बंद हो गया। काम मिल भी रहा था, तो महीने-छह महीने में एक-दो।

कई बार ऐसा भी हुआ कि ऑडिशन के लिए गया, तो लोग मुझे रिक्शा वाला, चाय वाला समझते थे। धीरे-धीरे छोटे पर्दे पर रोल मिलने लगे। स्टार प्लस पर आने वाला सीरियल ‘तेरे शहर में’ मुझे काम मिला। उसके कुछ महीने बाद पहली मूवी ‘लाल रंग’ मिल गई।

उसके बाद भी काफी मुश्किलें आईं। फिर दो साल तक कोई काम नहीं मिला, लेकिन मैंने ठान लिया था कि मरूंगा तो मुंबई में ही मरूंगा। कुत्ते की तरह, डांट खाकर, जलील होकर रहा। जो दोस्त मुझे जलील करते थे, वो अब मुझसे ही जॉब मांगते हैं।

मुझे आज भी याद है कि पृथ्वी थिएटर में वेटर की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गया था। वहां सिलेक्शन भी हो गया, लेकिन जब इंटरव्यू देकर वापस लौट रहा था तो बस में मैं खूब रोया। अगले दिन जॉइन करना था, लेकिन मैंने नहीं किया। दरअसल, मेरे दोस्त लोग वहां जाते थे। सोचने लगा- कि मैं उन्हें चाय-पानी सर्व कैसे कर पाऊंगा?

एक रोज मुंबई में अपने कुछ दोस्तों के साथ घूमने के लिए गया था। जब सभी लोग ग्रुप फोटो क्लिक करवाने लगे, तो मुझे ग्रुप से निकाल दिया गया। उन लोगों ने कहा- ‘तुम भी फ्रेम में रहोगे, तो फोटो खराब हो जाएगी।’ मैं चुपचाप साइड में खड़ा हो गया।

2022 में आई फिल्म ‘शमशेरा’ और वेब सीरीज ‘शिक्षा मंडल’ से मुझे एक नई पहचान मिली। ‘शमशेरा’ में मिले चूहे के रोल के लिए मेरा 7 घंटे ऑडिशन हुआ था। यह मेरी पहली फिल्म थी जब रणवीर कपूर, संजय दत्त, वाणी कपूर जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम करने का मौका मिला।

अभी मैं 6 दिसंबर से एक फिल्म की शूटिंग करने वाला हूं, उसमें विलेन का रोल है। ये भी मेरी खुशकिस्मती है कि कई डायरेक्टर ऐसे भी मिले, जिन्होंने मुझे सोचकर ही अपनी फिल्म में मेरे लिए सीन क्रिएट किया। वेब सीरीज ‘शिक्षा मंडल’ में ‘डॉक्टर नन्हे’ का रोल डायरेक्टर ने खास तौर से मेरे लिए लिखा था। इस कैरेक्टर ने मुझे रातोंरात फेमस कर दिया।

कई बार ऐसा भी हुआ कि मेरी पर्सनैलिटी की वजह से ऑडिशन, एग्रीमेंट सब कुछ होने के बाद भी मुझे रोल से हटा दिया गया। कहा गया- ‘ब्रीफ चेंज हो गया है। अब आपके जैसी पर्सनैलिटी की जरूरत नहीं है।’ ऐसा मेरे साथ ‘दिल्ली क्राइम-2’ वेब सीरीज में हुआ।

मुझे कॉमेडी करने के लिए भी कई ऑफर आते रहते हैं, लेकिन मैं इन्हें ठुकरा देता हूं। दरअसल, बॉलीवुड इंडस्ट्री का माइंडसेट है कि नाटा, छोटा, जो दिखने में अच्छा ना हो, उसे जोकर बनाकर कॉमेडी करवाओ। अरे! मैं एक्टर हूं, कॉमेडियन नहीं। बहुत पहले एक्टर पीयूष मिश्रा ने मुझसे कहा था, ‘तुम कॉमेडी मत करना, अच्छे एक्टर हो, एक्टिंग करना।’

दरअसल, एक्टर बनने के लिए पर्सनैलिटी के साथ-साथ एक्टिंग का भी हुनर होना चाहिए। सिर्फ लंबा, गोरा-चिट्‌टा होने से रोल नहीं मिल जाता। आज मेरी हाइट, बॉडी की बनावट मेरे लिए वरदान साबित हो रही है। इसकी वजह से भी मुझे कई रोल मिलते हैं, जो सोच भी नहीं सकता था। फिर मैं सोचता हूं कि भगवान ने मुझे दूसरों से हटकर बनाया, ये अच्छा किया।

जिस कैरेक्टर के लिए दूसरा सिलेक्ट नहीं हो पाता, वो मुझे मिल जाता है। 33 साल की उम्र में भी 15 साल के बच्चे का रोल कर सकता हूं। तो ये है कुमार सौरभ एक्टर की कहानी, जिन्होने इतनी मेहनत करके कितना कुछ सुनकर ये मुकाम हासील किया।

 

SHARE
Nisha Parcha

Recent Posts

Rajya Sabha by-election: रवनीत सिंह बिट्टू को राज्यसभा भेजेगी बीजेपी, कल दाखिल करेंगे नामांकन

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Rajya Sabha by-election: राज्यसभा उपचुनाव की तारीख की घोषणा हो…

3 months ago

Alwar News: हरियाणा से वापस अलवर जिले में पहुंचा टाइगर 2303, अब तक पांच लोगों को कर चुका है घायल

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Alwar News: टाइगर 2303 अब हरियाणा से वापस अलवर जिले…

3 months ago

Bharatpur News: गर्भवती महिला को भूलवश ले गए आरबीएम अस्पताल, मौजूद नर्सिंगकर्मी ने की महिला की सहायता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bharatpur News: भरतपुर के आरबीएम में महिला के अचानक प्रसव…

3 months ago

Bikaner News: देर रात गौ रक्षकों ने मुक्त करवाई सात गाय, पिकअप में ठूंस कर भरी थी गाय

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Bikaner News: थाना इलाके के कानासर गांव में देर रात…

3 months ago

Sirohi News: घर पर अकेला पाकर वृद्ध विधवा महिला से दुष्कर्म और लूट, सात दिन बाद पुलिस को मिली सफलता

India News Rajasthan (इंडिया न्यूज़), Sirohi News: आबूरोड रीको पुलिस ने सात दिन पूर्व वृद्ध विधवा…

3 months ago