Sikar: राजस्थान के सीकर के महरौली की निशा कंवर सेरेब्रल पाल्सी बीमारी से बचपन से ही पीड़ित थी, आस पास के लोग कमेंट करते हैं लेकिन निशा कंवर लोगो के कमेंट को ही अपनी ताकत समझ ली और महरौली गांव का नाम रोशन कर दिया।
निशा कंवर ग्रेजुएशन और पीजीडीसीए की पढ़ाई कर चुकी हैं
निशा कंवर ग्रेजुएशन और पीजीडीसीए की पढ़ाई कर चुकी हैं और वर्ष 2018 से जीवन के संघर्ष की कहानी हुई। लगभग 5 सालों में इन्टरनेशनल लेवल पर मिशाल की कायमता पेश की। निशा कंवर के पिता जितेंद्र सिंह सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
डॉ रघुवीर सिंह राठौड़ से शूटिंग में जाने की प्रेरणा मिली
जितेंद्र सिंह का कहना है कि निशा की शारीरिक दुर्बलता का पता महज 2 साल की उम्र में चला, काफी इलाज करवाया लेकिन निशा स्वस्थ्य नही पायी। निशा की इच्छा थी कि लोग उसे गर्व की भावना से देखें ना कि दया हीन की भावना से देखें। तभी नेशनल शूटर डॉ रघुवीर सिंह राठौड़ से शूटिंग में जाने की प्रेरणा मिली। निशा शुरुआती दौर में कई घंटों तक हथेली पर ईंट रखकर शरीर को बैलेंस करने की प्रेक्टिस करती थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पांच मेडल जीते
वर्ष 2019 में यूरोप के क्रोएशिया देश में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स कंपिटीशन में निशा कंवर ने महिला वर्ग की एयर पिस्टल स्पर्धा में डबल गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। कोच विजय कुमार ने कह कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निशा कंवर ने पांच मेडल जीते। 2022 में तीन मेडल प्राप्त किए।
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