इंडिया न्यूज़, अजमेर:
Shree Cement Illegal Mining : राजस्थान के अजमेर में श्री सीमेंट कंपनी की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। उसे न तो प्रशासन और न ही कानून का डर है। जिसके चलते वह सरेआम अरावली के पहाड़ों का सीना छलनी करने में लगी है। हालांकि इसके खिलाफ इंडिया न्यूज द्वारा छेड़ी गई मुहिम का असर होता दिखा है लेकिन अभी अवैध खनन का काम बंद नहीं हुआ है।
वहीं इस अवैध खनन(Shree Cement Illegal Mining) के कारण पास के इलाके में रह रहे लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। श्री सीमेंट द्वारा लगातार यह अवैध खनन का काम किया जा रहा है। वहीं इंडिया न्यूज भी इसके खिलाफ लगाता आवाज उठा रहा है। मुहिम का का असर यह हुआ है, एसडीएम प्रियंका बड़गुजर ने अवैध खनन को लेकर जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच दाल में पंचायत के अधिकारी भी शामिल होंगे।
मसूदा के लोगों का आरोप है कि श्री सीमेंट के अवैध खनन(Shree Cement Illegal Mining) से उनकी जिंदगी जहन्नुम बन गई है। ब्लास्टिंग से निकलने वाले पत्थरों की वजह से उनके घर उजड़ गए हैं। खनन से निकलने वाली धूल खेतों में जम रही है, जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो रहीं हैं। साथ ही इलाके में पानी का स्तर भी बहुत नीचे जा चुका है जिससे पानी की दिक्कत हो गई है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल जाता।
श्री सीमेंट के अवैध खनन(Shree Cement Illegal Mining) से न केवल मसूदा के लोग परेशान हैं, बल्कि कंपनी के वर्कर भी कंपनी से खफा हैं। हादसों में घायल हुए कर्मियों का न तो कंपनी ने इलाज करवाया है और न ही उन्हें किसी तरह का कंपनी ने मुआवजा दिया। उलटे उन्हें काम से ही निकाल दिया। हादसे का शिकार एक मजदूर ने कहा, मैं जिप्सम प्लांट में ठेकेदार फिरोज खान के अंडर काम करता था। बिना किसी सुरक्षा मेरे से काम लिया जाता था। मुझसे वहां एक एसिड का वॉल्व खुलवाया गया, जिससे मैं पूरी तरह जल गया। मुझे हॉस्पिटल पहुंचाया गया, लेकिन मैं वहां ठीक नहीं हुआ। मजदूर ने कहा, फिर मैंने अपना इलाज एक प्राइवेट हॉस्पिटल में करवाया। हादसे को आज 7 साल से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन मैं आज तक पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। मेरे दाहिने हाथ ने काम करना बंद कर दिया है। (Shree Cement Illegal Mining)
एक अन्य मजदूर ने कहा कि कोरोना काल में जब पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ था, उस समय मैं 15 दिन बीमार हो गया था। ठीक होने के बाद जब मैं वापस गया तो मुझे कहा गया कि अभी जो आॅन ड्यूटी पर हैं उन्हें भी नहीं ले रहे हैं। तुम एक या दो दिन बाद आना। ऐसे करते हुए काफी समय के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिले। रोज कई लोगों के चक्कर कटवाने के बाद बोल दिया गया तुम्हें जो ठीक लगता है वह करो यहां नौकरी नहीं है।
मसूदा के लोगों की आवाज उठाने वाले वकील अनवर अली ने बताया है कि श्री सीमेंट के अवैध खनन से यहां के लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जितने भी मजदूर फैक्ट्री में काम करने जाते हैं, अगर वे बीमारी या किसी काम के लिए अवकाश ले लेते हैं तो कंपनी उन्हें ब्लैकलिस्ट कर देती है। इस फैक्ट्री में हादसे में घायल हुए मजदूरों को कंपनी कोई मुआवजा नहीं देती। यहां काम करने वाले लोग अगर इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं तो कंपनी उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखा देती है। पुलिस से उन पर दबाव बनाया जाता। कंपनी स्थानीय लोगों का शोषण कर रही है।
राजस्थान के पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा है कि कोई भी फैक्ट्री हो अगर वह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। अगर किसी भी प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है तो उसकी जांच करवाई जाएगी और कानून के अंतर्गत सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इंडिया न्यूज और दैनिक आज समाज के संपादकीय निदेशक आलोक मेहता ने कहा, यह मामला बहुत गंभीर है। श्री सीमेंट एक प्रतिष्ठित कंपनी है। अजमेर का इलाका सचिन पायलट के अंतर्गत आता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा कहते रहते हैं कि हम प्रदुषण से अपनी जनता को बचने का काम करते हैं। इस इलाके के लोग अगर सालों से इस मुद्दे को उठा रहे हैं तो इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। इस बार जो कमेटी बनाई गई है वह मात्र खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है। श्री सीमेंट के इस अवैध खनन से ग्रामीणों को जिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उस पर सरकार को तत्काल प्रभाव से कार्य करना चाहिए। (Shree Cement Illegal Mining)
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