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Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह मामले के लेकर शंकराचार्य स्वामी ने कही ये बड़ी बात

• LAST UPDATED : April 28, 2023

India News (इंडिया न्यूज़),Same Sex Marriage,जयपुर: समलैंगिक विवाह मामले में पूरी दुनिया अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रही है। कोई इसको गलत साबुत करने में लगा हुआ है तो, कोई अच्छा। लेकिन अब पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी की प्रतिक्रिया आई है। दरअसल राष्ट्रीय उत्कर्ष अभियान यात्रा के तहत गोवर्धन मठ पूरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज दो दिवसीय जयपुर प्रवास पर है। इस दौरान मानसरोवर के श्रीराम गोपेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों ने पादुका पूजन किया।

शंकराचार्य ने समलैंगिक विवाह मामले को लेकर कहा….

इस बीच शंकराचार्य ने समलैंगिक विवाह मामले को लेकर कहा कि सनातन धर्म के अनुसार यह संभव नहीं है। यह दिशाहीनता है, हम स्वतंत्रता के पक्षधर है, पर यह पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव है, स्वतंत्रता नहीं। हम वसुधैव कुटम्बकम के सिद्धांत को मानते है। उन्होंने कहा कि क्या आप नपुंसक होकर नपुंसक से शादी कर चुके हैं ? आप पुरुष हैं तो पुरुष से शादी कर चुके हैं क्या? आप स्त्री हैं तो स्त्री से शादी कर चुके हैं ? यह मानवता के लिए कलंक है। इससे व्यभिचार को बढ़ावा मिलेगा।।

स्वतंत्रता से पहले सबका काम तय था-शंकराचार्य

उन्होंने यह भी कहा कि विवाह धार्मिक क्षेत्र में पहला स्थान रखता है। यह हमारे क्षेत्र का विषय है, न्यायालय के क्षेत्र का नहीं। समलैंगिकता से पशुता की भावना आएगी, यह प्रकृति के खिलाफ है। आरक्षण मामले को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले सबका काम तय था। हर व्यक्ति काम जन्म से सुनिश्चित होता था। महंगाई भी नहीं होती थी। तब आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ती थी। उन्होंने आरक्षण में पांच दोष गिनाते हुए आगे कहा कि आरक्षण से प्रतिभा की हानि, प्रगति की हानि, प्रतिशोध की भावना, परतंत्रता और प्रायोगिक नहीं जैसे दोष गिनाए। उन्होंने कहा ​कि आरक्षण से प्रतिभा और प्रगति को नुकसान पहुंचेगा।

ऐसे राजनेताओं से बचना चाहिए-शंकराचार्य

राजस्थान के भरतपुर गौ तस्कर हत्या मामले को लेकर भी शंकराचार्य ने कहा कि यह सब शासन तंत्र का फेलियर है। जहां शासन तंत्र के कानून व्यवस्था नियंत्रण में होती है, वहां पर ऐसे बवाल नहीं होते हैं। जिम्मेदार दायित्व का निवर्हन नहीं करते है, इससे बवाल मचता है। राजनेताओं के पास शब्दभेदी बाण होते हैं, जो इन बाणों का प्रयोग करके चुनाव में अपना काम बना लेते हैं और देश का स्तर गिरा देते हैं। ऐसे राजनेताओं से बचना चाहिए। बागेश्वर धाम महाराज को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि मैं जिस पद पर हूं तो प्रवचन देने वाले एक छोटे व्यक्ति की समीक्षा करना मेरे लिए उचित नहीं।

 

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