India News(इंडिया न्यूज़ )Jaipur: कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता चाहे कितने ही प्रयास कर ले लेकिन सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने अपनी अलग राह चुन ली है। पायलट ने कई दिनों पहले यह तय कर लिया था कि अब वे कांग्रेस में नहीं रहेंगे। याद कीजिए 15 मई को जयपुर में आयोजित की गई आम सभा में पायलट ने क्या ऐलान किया था। सचिन पायलट की ‘जन संघर्ष यात्रा’ के समापन के दौरान जयपुर में 15 मई को उन्होंने स्पष्ट कहा था कि ‘जन संघर्ष यात्रा में पैदल चलने वाले नौजवानों के पैरों के छालों की कसम, अब वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।’ वहीं पायलट ने अपने इरादे सार्वजनिक सभा में जाहिर करते हुए यह ऐलान कर दिया था कि उन्होंने अपनी नई राह चुन ली है।
पायलट जानते हैं कि वे कांग्रेस में रहकर कुछ खास नहीं कर पाएंगे। पायलट नेतृत्व चाहते हैं और कांग्रेस में उन्हें नेतृत्व करने का मौका मिलना संभव नहीं है। कांग्रेस में गांधी परिवार के कई नजदीकी नेता ऐसे हैं जो संघर्षशील, ऊर्जावान युवा नेताओं को नेतृत्व की कमान सौंपने को तैयार नहीं है। सब जानते हैं कि कांग्रेस के कई युवा नेता जो कांग्रेस की धूरी हुआ करते थे। वे पिछले 4-5 सालों में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। हालांकि बीजेपी में भी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली।
सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के समक्ष तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था। ये तीनों मांगें ऐसी है जिन्हें वर्तमान परिदृष्य में पूरा किया जाना गहलोत के लिए संभव नहीं है। 15 मई को सचिन पायलट द्वारा दिए गए अल्टीमेटम के बाद कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व उन्हें मैनेज करने में जुटा ।