सचिन पायलट ने खोला CM गहलोत को लिखी चिट्ठी राज, गिनवाए भाजपा सरकार के करप्शन

जयपुर: (The secret of that letter of Sachin Pilot) प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने खोल दिया उस चिट्ठी का राज जिसका राजस्थान के लोगों को बेसब्री से इंतजार था। जी हां सचिन पायलट ने उस चिट्ठी को सार्वजनिक कर दिया है जो चिट्ठी उन्होंने 28 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखी थी। आखिर उन चिट्ठी में क्या राज था आइए आज हम आपको विस्तार में बताते है…..

दो बार चिट्ठी भेजने के बावजूद नहीं की कोई सुनवाई

दरअसल मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी में उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासनकाल में हुए करप्शन सहित कई तरह के मुद्दे उठाए थे। आपको बता दें कि 2 नवंबर 2022 को पायलट ने मुख्यमंत्री को फिर से एक चिट्ठी भेजकर पूर्व में भेजी गई चिट्ठी पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। दो बार चिट्ठी भेजने के बावजूद भी गहलोत सरकार ने पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं की और ना ही पायलट चिट्ठी का जवाब दिया। इससे परेशान होकर सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी को अब सार्वजनिक कर दिया है। पायलट के द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं किए जाने से आहत होकर ही पायलट ने अपनी पार्टी की सरकार के खिलाफ अनशन करने का ऐलान भी कर दिया है।

सचिन पायलट ने चिट्ठी में यह सब लिखा

उस चिट्ठी में सचिन पायलट ने लिखा कि “आदरणीय अशोक गहलोत जी, इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान प्रदेश की भाजपा सरकार की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे जी के विगत् शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार के प्रकरणों की ओर आकर्षित करना चाहूंगा। श्रीमती राजे जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार, धांधली और राजकीय धन के दुरूपयोग के गंभीर आरोप लगे थे। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस द्वारा तत्कालीन भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ पुरजोर आवाज उठायी गई तथा स्वयं आपके व मेरे द्वारा लगातार जनता को विश्वास दिलाया गया था कि कांग्रेस का राज आने पर इन प्रकरणों की निष्पक्ष एवं प्रभावी जांच करवायी जायेगी जिसके फलस्वरूप जनता ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस की दिसम्बर, 2018 में सत्ता में वापसी हुई।”

“महोदय, मुझे यह बताते हुए खेद है कि हमारी सरकार का गठन हुए तीन वर्ष से अधिक का समय बीत जाने बाद भी हम इन प्रकरणों में ऐसी कोई ठोस, प्रभावी एवं पारदर्शी कार्यवाही नहीं कर पाये है, जैसी कि आमजन को हमसे आशा थी। इनमें से कुछ प्रकरणों का संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं :-”

“वर्ष 2014-15 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 45 हजार करोड़ रूपये का “खान घोटाला उजागर हुआ। आपके साथ मैंने तथा सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने Central Vigilance Commission (CVC) से मिलकर कार्यवाही की मांग की। इस सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सरकार की संदिग्ध कार्यप्रणाली पर गंभीर टिप्पणियां भी की गई। महोदय, विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने के लिए सदन में तथा सदन के बाहर पुरजोर तरीके से आवाज उठायी थी परन्तु सरकार में आने के बाद अभी तक उक्त प्रकरण की जांच सीबीआई को नहीं सौंपी गई है, जो आपके व मेरे द्वारा तत्कालीन भाजपा सरकार पर लगाये गये आरोपों की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।”


“यह तो जगजाहिर है कि विगत् भाजपा शासन के समय बजरी माफिया, शराब माफिया व भू-माफिया का आतंक चरम पर था। श्रीमती राजे के मुख्यमंत्रित्व काल में अवैध बजरी खनन से न केवल आमजनता की जेब खाली हो रही थी बल्कि इन माफियाओं की कारगुजारियों के कारण अनेकों लोगों की मौत भी हुई थी। श्रीमती वसुन्धरा राजे जी की बजरी, शराब व भू-माफियाओं से मिलीभगत तथा करोड़ो रूपये के भ्रष्टाचार के आरोप, विगत् विधानसभा चुनावों में तथा उसके बाद आपके द्वारा भी अनेकों बार लगाये गये। आपने भी प्रेसवार्ताओं तथा चुनावी सभाओं में स्पष्ट रूप से कहा था कि अवैध खनन से जो पैसा आ रहा है, वह श्रीमती राजे जी के माध्यम से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच रहा है। इतने गम्भीर आरोपों के बाद भी तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में हुई माफिया लूट के असली दोषियों के विरूद्ध हमारी सरकार की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा सकी है।”

“आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को देश से फरार करने में भी श्रीमती राजे जी पर सीधे-सीधे गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप उजागर हुए थे। ललित मोदी के Immigration संबंधी दस्तावेजों पर श्रीमती राजे जी गोपनीय गवाह बनी और साथ ही यह शर्त भी रखी कि इसकी जानकारी किसी भी भारतीय ऐजेन्सी को नहीं दी जानी चाहिए। इसी दौरान श्रीमती वसुन्धरा राजे से संबंधित कम्पनी के शेयर्स को ललित मोदी द्वारा कई गुणा कीमतों पर खरीदने का खुलासा हुआ था। इस सम्पूर्ण प्रकरण में भारी भ्रष्टाचार, नियमों के उल्लंघन व पद के दुरूपयोग के संगीन आरोप लगे थे। ऐसे गंभीर प्रकरण में भी हमारी सरकार कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पायी है।”

“श्रीमती वसुन्धरा राजे जी के ही मुख्यमंत्रित्व काल में जयपुर स्थित खासा कोठी से ईरानी कालीनों की चोरी का प्रकरण काफी सुर्खियों में रहा। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा एफआईआर तो दर्ज करवायी गई परन्तु उसके पश्चात् कांग्रेस की दो सरकार बनने के बावजूद हम आज तक जनता को यह बताने में विफल रहें कि वे कालीन आखिर कहां गए ? बेशकिमती कालीनों के गायब होने के पीछे कौन जिम्मेदार है ? इन सबकी भी जांच अभी तक लम्बित है।”

“श्रीमती वसुन्धरा राजे जी के प्रथम कार्यकाल में तत्कालीन सरकार पर 22 हजार करोड़ रूपये के घोटाले के आरोप लगे। वर्ष 2008 में कांग्रेस की सरकार बनने पर इसकी जांच हेतु माथुर आयोग गठित किया गया परन्तु माननीय न्यायालय ने आयोग का गठन जांच आयोग अधिनियम के अंतर्गत न होने से आयोग को भंग कर दिया। उस समय भी ये सवाल उठे थे कि इस आयोग के गठन के नियमों की जानबूझकर अनदेखी करते हुए मात्र खानापूर्ति करने के लिए कागजी कार्यवाही की गई है। उस अवधि में आयोग ने प्रशासनिक अधिकारियों के असहयोग की शिकायत भी सरकार से की थी। जनता के मन में जो शंका है उसका निवारण करने के लिए उन शिकायतों की गहराई और पारदर्शिता के साथ जांच करवाया जाना आज तक अपेक्षित है।”

“वर्ष 2018 में वसुन्धरा राजे सरकार द्वारा सरकारी धन का दुरूपयोग करते हुए “राजस्थान गौरव यात्रा निकाली गई। यह कार्यक्रम पूरी तरह से राजनैतिक था परन्तु श्रीमती राजे एवं उनके उच्च अधिकारियों ने उक्त राजनैतिक कार्यक्रम को सरकारी कार्यक्रम बनाकर जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे का जमकर दुरूपयोग किया। आपने स्वयं ने भी इस यात्रा के आयोजन में नियमों के उल्लंघन एवं सरकारी धन के दुरूपयोग के आरोप श्रीमती राजे जी पर लगाये थे। हमारी सरकार बनने के बाद जनता को आशा थी कि श्रीमती राजे जी तथा उनके उच्च अधिकारियों द्वारा इस यात्रा में सरकारी धन को जो दुरूपयोग किया गया है उसकी निष्पक्ष जांच होगी। परन्तु अभी तक हमारी सरकार इस ओर भी कोई कार्यवाही नहीं कर पायी है। प्रदेश की विगत् कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्ववर्ती भाजपा शासन के अंतिम 6 माह के कार्यों की समीक्षा के लिए केबिनेट की उप समिति का गठन तो किया गया परन्तु इस उप समिति द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही जनता के समक्ष नहीं आ पायी।”


“महोदय, उपरोक्त बिन्दु उदाहरण मात्र है। ऐसे अनेकों प्रकरणों है जिनमें आपके तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मेरे द्वारा विपक्ष में रहते हुए भाजपा सरकार पर आरोप तो लगाये गये परन्तु हमारी सरकार में उन प्रकरणों पर प्रभावपूर्ण अपेक्षित कार्यवाही नहीं हो पायी। लोकतंत्र में आरोप लगाने वाले नेताओं को अपनी विश्वसनीयता की भी रक्षा करनी चाहिए अन्यथा केवल चुनावी लाभ लेने के लिए आरोप लगें तो जनता का राजनेताओं पर से भरोसा उठ जाता है। ऐसे गंभीर प्रकरणों में उचित जांच के अभाव में हमारी सरकार की विश्वसनीयता एवं corruption के प्रति zero tolerance के नारे पर सवाल खड़े हो सकते हैं। साथ ही भ्रष्टाचार के इन प्रकरणों में कोई ठोस कार्यवाही नहीं करके श्रीमती राजे जी को हमारी सरकार द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राजनैतिक संरक्षण दिये जाने की की अफवाहें भी फैल सकती है।”

“महोदय, यह पत्र लिखने का मेरा उद्देश्य द्वेषतापूर्ण कार्यवाही करवाने का नहीं है । परन्तु जब गंभीर भ्रष्टाचार के मामले जनता के समक्ष उजागर हुए हैं और आपने तथा मैंने विपक्ष में रहते हुए आमजन के साथ मिलकर उनका विरोध भी किया है तो हमारी सरकार बनने पर इन प्रकरणों कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है ? हमारी ऐसी क्या विवशता है, ऐसे क्या कारण है कि हम आज तक इन प्रकरणों में कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पाये है ? मेरा आपसे सिर्फ ये निवेदन है कि भ्रष्टाचार के इन प्रकरणों की निष्पक्ष जांच करवायी जाये ताकि सच्चाई जनता के समक्ष आ सकें।”

“महोदय, एक ओर भाजपा की केन्द्र व राज्यों की सरकारें सरकारी एजेन्सियों का दुरूपयोग करके हमारे कार्यकर्ताओं, नेताओं यहां तक कि हमारे शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ द्वैतापूर्ण कार्यवाही करती है, दूसरी ओर हमारी सरकार जनता के समक्ष आये हुए ऐसे गंभीर प्रकरणों पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही है यह समझ से परे है। श्रीमती वसुन्धरा राजे जी के कार्यकाल में लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर प्रभावी कार्यवाही नहीं होगी तो हम डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में इन मुद्दों पर जनता को क्या जवाब देंगे ? अक्टूबर, 2018 को अपनी प्रेसवार्ता में आपने आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार आएगी तो भाजपा सरकार के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा जनता के सामने रखा जाएगा।

जनता को दिये गये आपके उसी आश्वासन का स्मरण कराते हुए मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व वाली विगत् भाजपा सरकार के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार, घोटालों व सरकारी धन के दुरूपयोग के सभी प्रकरणों की शीघ्रता के साथ विस्तृत, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करवाने का कष्ट करें ताकि हम जनमानस को यह विश्वास दिलाने में सफल हो सके कि कांग्रेस की कथनी व करनी में कोई अन्तर नहीं है।”

चिट्ठी की कापी कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं को भेजी

बता दें कि सचिन पायलट ने यह चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजी। इसके बाद उस चिट्ठी की कापी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भी भेजी थी। इसके बावजूद भी ना तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट की स्थिति को गंभीरता से लिया और ना ही कोई सुनवाई हुई।

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