India News (इंडिया न्यूज़), Rice Price: पीएम मोदी की सरकार द्वारा घरेलू बाजार में चावल की कीमतों पर एक बड़ा कदम उठाया गया। उनके इस आदेश से मार्केट में अब चावल के दाम घटने लगे है। इसे ग्राहकों को भी काफी फायदों हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा राइस इंडस्ट्री एसोसिएशन को तत्कालीन चावल के दामों को कम करने के निर्देश जारी किए गए है। इस से संबंधित खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव संजीव चोपड़ा का द्वारा नॉन-बासमती चावल के घरेलू मूल्य परिदृश्य की समीक्षा करने के लिए एक बैठक बुलाई गई थी। जिसमें उनेहोंने ये आदेश जारी किए थे।
इस बैठक में चोपड़ा द्वारा उद्योग को घरेलू बाजार में कीमतों को सही स्तर पर लाने के उपाय ढूंढने को कहा गया था। पीआईबी मैं एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने बताया कि उद्योग संघ को परामर्श दिया गया है कि वह अपने संघ के सदस्यों सुमित इस मोदी को उठा सकते हैं। अब यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि चावल की खुदरा कीमत तत्कालीन काम हो। इस सबके चलते खरीफ की अच्छी फसल भारतीय खाद्य निगम के पास पर्याप्त भंडार होने एवं चावल के निर्यात पर बैन लगने के बावजूद घरेलू बाजार में गैर बासमती चावल के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं।
सरकार द्वारा नॉन बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाया गया है। इसके बाद भी कीमतों में इजाफा काफी चिंता की बात है। चावल की सालाना महंगाई पिछले 2 वर्ष में 10% से ज्यादा बड़ी है। चावल की कीमतों में चली आ रही बढ़ोतरी को लेकर सरकार काफी सख्त हो गई है। इसके साथ ही इसकी बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए कदम उठा रही है।
सरकार ने दिया गया देश में कहां उनके पास अच्छी क्वालिटी के चावल का स्टॉक है। सिविल ओपन मार्केट सेल्स स्कीम के चलते ट्रेडर्स एवं प्रोसेसर को 29 रुपए किलो के दम पर बेचेंगे। इसके बाद भी डिटेल मार्केट में यह 43 से 50 रुपए प्रति किलो के भाव से बिकेंगे।
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