Reservation: माली, सैनी, कुशवाहा और मौर्य समाज द्वारा 12 प्रतिशत अलग आरक्षण (Reservation) की मांग को लेकर राजस्थान के भरतपुर में आंदोलन किया जा रहा हैं। जयपुर-आगरा हाइवे बीते शुक्रवार को माली, सैनी, कुशवाहा और मौर्य द्वारा चक्का जाम कर दिया गया था। शनिवार को प्रशासन ने आंदोलन को बढ़ता देख इंटरनेट बंद (Internet Suspended) करने का फैसला किया। कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मद्देनजर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने यहां पर इंटरनेट बंद करने का आदेश दिया हैं।
21 अप्रैल को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी गई थी। जिसके मद्देनजर पुलिस बल को हाइवे पर तैनात किया गया था। आंदोलनकारियों ने हाइवे पर लाठियां लेकर बैठ गए और प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारियों को हटाने के कारण पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े।
आरक्षण संघर्ष समिति के 11 सदस्यों को भरतपुर में और 15 सदस्यों को करौली में गिरफ्तार कर लिया गया है। आरक्षण संघर्ष समिति के सहसंयोजक वासुदेव प्रसाद कुशवाहा ने कहा है कि आंदोलनकारियों को 21 अप्रैल के आंदोलन की तैयारी के समय ही हिरासत में ले लिया गया था। आंदोलनकारियों को अगर नही छोड़ा गया तो हम आंदोलन करेंगे।
प्रशासन ने हाइवे पर प्रदर्शन को देखते हुए जयपुर के लिए नदबई होते हुए जानें का दूसरा रास्ता निकाला। प्रदर्शनकारी विनोद ने कहा कि सरकार से हम अपनी मांगों को लेकर काफी समय से मांग कर रहे हैं। लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। चक्का जाम करने की यही वजह है कि सरकार ने हमारी मांगो को नही सुनी।
21 अप्रैल को आंदोलन करने की चेतावनी सैनी समाज के लोगों ने दी थी। आरक्षण की मांग को लेकर पिछले साल भी भरतपुर के अरौदा गांव के पास हाइवे जाम कर दिया गया था। अरौदा गांव के लोगों ने इस साल के आंदोलन का विरोध करने लगें और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह से मुलाकात कर बातचीत की।
उन्होंने कहा कि आरक्षण संघर्ष समिति जबरदस्ती आंदोलन करवाना चाहता हैं, गांव वाले आंदोलन के पक्ष में नही हैं। ग्रामीणों का कहना था कि आंदोलन के कारण ग्रामीणों को गिरफ्तार ना किया जाए। पुलिस को आंदोलन के कारण होने वाली समस्या की जानकारी भी दी थी।