इंडिया न्यूज: (Cause of death of laborers) राजस्थान में करौली शहर केला देवी माता मंदिर औऱ अपने इमारती लाल पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। लाल पत्थर की बात करें तो यहां का लाल पत्थर देश ही नहीं विदेशों में भी भेजा जाता है।
यहां के लाखों मजदूरों इसी पत्थर को तरासने का काम करत है, जिससे उनका परिवार चलता है। पत्थरों को तलाशने के दौरान निकलने वाली धूल से कई मजदूर गंभीर बीमारी की चपेट में भी आ जाते हैं।
सिलिकोसिस बीमारी पत्थर को तरासने के दौरान निकलने वाली धूल से होती है। जो एक गंभीर बीमारी है। आपको बता दें कि इसका कोई इलाज नहीं मिला है। डॉक्टरों की मानें तो इससे बचने के बस दौ ही उपाय अभी मिले हैं। काम करते समय मुंह पर मास्क के साथ-साथ प्रतिदिन गुड़ का सेवन करना।
डांग क्षेत्र में प्रतिवर्ष दर्जनों की संख्या में मजदूर इस बीमारी की चपेट में आने से अपनी जान गवा देते हैं। इसी को मध्य नजर रखते हुए करौली जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने एक मुहिम चलाई है। वह स्वयं खनन क्षेत्रों में जाकर मजदूरों को इस घातक बीमारी से कैसे बचना है, उसके सुझाव दे रहे हैं।
जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह का कहना है कि सिलिकोसिस बहुत ही भयानक बीमारी है। जिसका अभी कोई इलाज नहीं मिला है। और दुर्भाग्य की बात यह है कि करौली जिले के काफी मजदूर इस घातक बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। इसी कारण के चलते करौली क्षेत्र में जहां भी पत्थर का काम होता है वहां जाकर हम मजदूरों को इस बीमारी से जागरूक कर रहे हैं, और बचाव के उपाय भी बता रहे हैं।