इंडिया न्यूज(Rajisthan Suicide News): मां (Mother) की ममता ऐसी होती है कि वह बच्चे के हर जख्म को अपने शरीर का हिस्सा मानती है। जख्म बच्चे को लगता है तो दर्द उसकी मां को होता है। जिस बच्चे को लाड़ प्यार से पाला, वह बच्चा अगर अपराध के दलदल में फंस जाए तो मां पर क्या बीतती है यह तो वही जानती है। ऐसे ही एक बेटे की करतूतों से दुखी होकर एक मां ने अपनी जान दे कर आत्महत्या कर ली है।
लेकिन इससे पहले उसने हॉस्पिटल में अपने घायल बेटे से मुलाकात की। बेटे के शरीर के जख्मों को देख कर मां टड़प उड़ी। वहीं बेटे की हरकतों से उसका मन इतना दुखी हो गया कि उसने आखिरकार जिंदगी से ही अपना मुंह मोड़ लिया। राजसमंद में एक हिस्ट्रीशीटर की मां ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। दीपक मेनारिया राजस्थान के उदयपुर का हिस्ट्रीशीटर (Historysheeter) है।
राजस्थान के जिले राजसमन्द के शहर कांकरोली से बड़ी खबर सामने आ रही है। कांकरोली के थानाधिकारी डीपी दाधीच ने बताया कि शुक्रवार शाम को दीपक मेनारिया और किशन मेनारिया एक प्रॉपर्टी डीलर को केलवा में किडनैप करके ले जा रहे थे। पुलिस को इसकी सूचना मिलते ही आरोपियों को रोकनेकी कोशिस की, इसी दौरान आरोपियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हो गई।
फायरिंग के बाद पुलिस आरोपी दीपक और उसके साथी किशन को गिरफ्तार करने में कामयाब रही। राजसमंद में आकर मुठभेड़ में घायल हुए दीपक को पुलिस ने अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। दीपक मेनारिया पर हत्या, अपहरण, लूट, फिरौती, हत्या का प्रयास और अवैध हथियार से संबंधित 24 केस सुखेर पुलिस थाने में दर्ज हैं।
बीते शनिवार को दीपक से मिलने के लिए उसकी मां गीता मेनारिया अस्पताल पहुंची। वह पुलिस सुरक्षा के बीच अपने बेटे दीपक से करीब 15 से 20 मिनट तक मिली। उसके बाद दोपहर करीब 3 बजे पति प्रेमशंकर मेनारिया को फोन कर बताया कि उसकी तबीयत बहुत खराब हो गई है। इस पर पति प्रेमशंकर मेनारिया गाड़ी लेकर पत्नी को लेने कांकरोली पहुंचा। वहां गीता मेनारिया लेटी हुई थी और उसके मुंह से झाग निकल रहे थे।
सूत्रों की मानें तो आरोपी की मां गीता देवी पहले ही जहर खाकर अपनी जान देने का मन बना चुकी थी। उससे पहले अंतिम बार वह अपने बेटे को देखना चाहती थी। गीता देवी अपने बेटे दीपक से काफी नाराज नजर आ रही थी। वह बार-बार उसे डांट रही थी। शनिवार सुबह 11 बजे गीता देवी अपने हिस्ट्रीशीटर बेटे दीपक से मिलने के लिए घर से निकली थी।
11 बजे के बाद वह आरके हॉस्पिटल पहुंची थी। वहां पर भर्ती दीपक से बातचीत की और उसका कंबल हटाकर दीपक के पैरों और शरीर के जख्मों को भी देखा। इस दौरान पुलिस के जवान भी वहां पर मौजूद थे। जिस बेटे को जन्म दिया, जिस बेटे को अपने से बढ़कर माना वही बेटा बन गया मां के लिए नासूर।