इंडिया न्यूज (Rajasthan’s second medical university will be on the lines of AIIMS): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार यानी 10 फरवरी को अपना दसवां बजट पेश किया। इस बजट में यूथ से लेकर एग्रीकल्चर और हेल्थ सेक्टर में कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। मेडिकल सेक्टर की जरूरत को देखते हुए पश्चिमी राजस्थान को 500 करोड़ की लागत की मेडिकल यूनिवर्सिटी की सौगात दी है।
दावा किया जा रहा है कि प्रदेश की इस दूसरी यूनिवर्सिटी का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद प्रदेश के मेडिकल सेक्टर में बहुत बड़ा बदलाव आने वाला है। इसका पूरा कॉन्सेप्ट जोधपुर के एम्स के तर्ज पर होगा।
राजस्थान का मेडिकल एजुकेशन सिस्टम दो हिस्सों में बंटेगा
राजस्थान के बजट घोषणा के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज बन चुके हैं। राजसमंद, जालोर और प्रतापगढ़ में मेडिकल कॉलेज प्रदेश सरकार अपने खर्चे पर बनाएगी। इधर, राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ही राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस (RUHS)है। जयपुरिया और झालावाड़ समेत अन्य मेडिकल कॉलेज आरयूएचएस के अधीन आते हैं।
वहीं पिछले कुछ साालों में पाली समेत नागौर, बाड़मेर, अलवर, जैसलमेर, सिरोही और धौलपुर में खुले मेडिकल कॉलेज वर्तमान में राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के अधीन संचालित हो रहे हैं। ऐसे में खबर मिल रही है कि प्रदेश के आधे मेडिकल कॉलेज जोधपुर में बनने वाली मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी में मर्ज हो जाएंगे। पश्चिमी राजस्थान के सिरोही, पाली, जैसलमेर और बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज के अलावा बीकानेर संभाग भी इसी यूनिवर्सिटी में मर्ज हो सकता है।
ऐसे में प्रदेश का मेडिकल एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम एम्स और आरयूएचएस में बट सकता है।