(जयपुर): आंध्र प्रदेश के नडियाल में होने वाली 51वीं राष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए राजस्थान टीम को एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण डीडवाना में दिया और जाकर टीम को रवाना किया गया.
26 नवंबर से शुरू हो रही 51 वीं राष्ट्रीय हैंडबॉल प्रतियोगिता के लिए 16 सदस्यीय टीम को एक दिन के विशेष प्रशिक्षण के बाद आज डीडवाना से रवाना किया गया. इससे पहले जोधपुर में आयोजित चयन प्रक्रिया में 40 खिलाड़ियों में से 16 महिला सदस्यों का चयन किया गया.
विशेष प्रशिक्षण शिविर में राजस्थान हैंडबॉल एडहॉक कमेटी के सदस्य अंतरराष्ट्रीय हैंडबॉल कोच शिंभू सिंह तंवर और नागौर जिला हैंडबॉल के अध्यक्ष डॉ. सोहन चौधरी ने टीम को प्रशिक्षण के बाद नडियाल आंध्रप्रदेश के लिए रवाना किया. इस टीम की कप्तानी प्रियंका बेंधा को सौंपी गई है, जबकि पिंटू कँवर टीम की उपकप्तान होंगी.
संजना मेवाड़ा, विमला, ट्रॉपा कुमारी, पूजा बिश्नोई, पूजा, नीतू सिंह कविया, मानशा, राधा देवी, मीनाक्षी, मोनिका भंवरी, माया और पूजा बीडीयासर का टीम सदस्य के रूप में चयन किया गया है. वहीं मुन्नी इस टीम की मैनेजर हैं, जबकि अनिल मोट कोच नियुक्त किए गए हैं.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया को मान्यता दी गई है, जिसके दिशा निर्देशन में राजस्थान हैंडबॉल एडहॉक कमेटी का गठन किया. जाकर इस टीम का चयन किया गया.
इस टीम के सभी खिलाड़ियों को समस्त सरकारी सुविधाएं भविष्य में मिलेंगी और भविष्य में इस टीम में चयनित खिलाड़ियों को ही सरकारी नौकरियों में भी वरीयता मिलेगी.
जानकारी के अनुसार हैंडबॉल फेडरेशन के दो गुट होने की वजह से इंडिया हैंडबॉल संघ नाम का एक और फेडरेशन खड़ा हो गया था. दोनों का मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एडहॉक कमेटी का गठन किया था, जिसके बाद 14 अगस्त को रोहतक में फेडरेशन के इलेक्शन हुए, जिसके बाद दिग्विजय सिंह चौटाला अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे.
साथ ही एडहॉक कमेटी के सदस्य शिंभू सिंह ने कहा कि ओलंपिक संघ ने भी वोटिंग का अधिकार हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया को दिया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में 39वी जूनियर स्टेट टूर्नामेंट का आयोजन तीन महीने पहले बनी इंडिया हैंडबॉल राजस्थान द्वारा किया जा रहा है, जबकि उसका कोई अस्तित्व है और न ही उस सर्टिफिकेट की वैल्यू है ये बच्चों का भविष्य खराब कर रहे हैं.