India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan: सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सुलह का फार्मूला तैयार करने में कांग्रेस की पार्टी जुड़ गई है। जिसमें सचिन पायलट को एक बार फिर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने का ऑफर दिया गया है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट के अध्यक्ष पद बनने से सीएम गहलोत नाराज हैं। जिसकी वजह से 26 मई को होने वाली बैठक टाल दी गई है। हाईकमान सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों को विश्वास में लेकर फिर से बैठक की नई तारीख घोषित करेगी। सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान के फार्मूले से बहुत नाराज और चिंतित हैं।
विपक्ष के बहाने गहलोत ने सचिन पायलट के खिलाफ सबके सामने एक बयान देकर अपनी भावनाओं का इजहार भी कर दिया है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष के लोग पेपर लीक से प्रभावित सभी अभ्यर्थियों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। लेकिन क्या ऐसा कभी दुनिया के इतिहास में हुआ है? उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी 15 से 22 परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। परीक्षार्थियों को मुआवजा देने की मांग करना बुद्धि का पागलपन नहीं है तो और क्या है? गहलोत के इस बातों से स्पष्ट होता है कि पायलट की मांगों को वह नहीं मानने वाले हैं।
कांग्रेस हाईकमान जो फार्मूला दे रहा है वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। क्योंकि बीजेपी से पायलट पर मिलीभगत का आरोप लगा चुके हैं। राजस्थान की जनता को सीएम गहलोत यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह से सियासी संकट के समय सचिन पायलट और उनके विधायकों ने करोड़ों रुपए लिया है। सीएम गहलोत सचिन पायलट खेमे के विधायकों को आप पैसा लौटाने तक की बात सबके सामने कह चुके हैं। गहलोत इस मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान को भी निशाना बना चुके हैं l
सूत्रों के मुताबिक सचिन पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाने का ऑफर बैठक में किया जा सकता है। वही PCC चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को फिर से मंत्री बनने का प्रस्ताव होगा। डोटासरा को मंत्री बनने का मेन उद्देश्य यह है कि जाट और किसान पोर्टल नाराज ना हो। वहीं विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी को उपमुख्यमंत्री पद का प्रस्ताव दिया जा सकता है। चर्चा यह भी हो रही है कि दो उपमुख्यमंत्री और पीसीसी में दो कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं जो तरह-तरह के जातीय समीकरणों को चुनाव में सा देंगे राजस्थान के प्रदेश मंत्रिमंडल में फेरबदल किया जाएगा।
कई विधायकों का मानना है कि पायलट के पक्ष में काम तभी करेंगे जब सचिन पायलट सीएम गहलोत के खिलाफ बयानबाजी पूरी तरह से बंद करेंगे सीएम के रूप में सरकार में उनके नेतृत्व को स्वीकार करेंगे कांग्रेस सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर जाएंगे क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जो महत्वकांक्षी योजना लागू की है। वह राहुल गांधी कांग्रेस हाईकमान और सोनिया गांधी के निर्देश पर ही लागू की गई हैं चीन में महंगाई राहत शिविर सोशल सिक्योरिटी ओल्ड पेंशन स्कीम खाद्य सुरक्षा आदि शामिल है।
सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत पर निर्भर करेगा कि उनका रुख क्या रहेगा? मुख्यमंत्री गहलोत नहीं चाहते हैं कि सचिन पायलट कांग्रेस पार्टी में रहें। क्योंकि पायलट का पार्टी में रहना उन्हें सीधे चुनौती और वर्चस्व की लड़ाई लगती है। भविष्य में सीएम पद पर आने के लिए सबसे ज्यादा सचिन पायलट ही रोड़ा डालते हैं। गालों तू ने निकम्मा नकारा गद्दार बहुत भला बुरा और कोरोना पहले कई बार कह चूके हैं। कई बार बीजेपी से मिलीभगत होकर सरकार गिराने के षड्यंत्र में आरोप भी लगा चुके हैं। दरअसल पायलट की लड़ाई सीएम पद की कुर्सी की है।