(जयपुर): मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जोधपुर वासियों को संदेश, ”मारवाड़ ने प्यार दिया इसलिए आप से मांगते हुए संकोच होता है. यहां के लोगों के लिए मैं घर का जोगी जोगना जैसा हूं. तीन बार आप लोगों ने सीएम बनाया. कई बार ऐसी स्थिति होती है जैसे घर का जोगी जोगना है. बता दे कि अशोक गहलोत जोधपुर दौरे पर भी रहे. उन्होंने रावण के चबूतरा मैदान में पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव का उद्घाटन किया.
इस कार्यक्रम के मंच से उन्होंने कहा की मारवाड़ ने मुझे बचपन से बहुत प्यार दिया है, इसलिए मुझे मांगते हुए संकोच होता हैं. उन्होंने आगे कहा कि 1973 में पहली बार छात्र संघ का चुनाव लड़कर एनएसयूआई का अध्यक्ष बना. तीन बार मुख्यमंत्री बना अब तक 50 साल के राजनीतिक करियर का सफर तय किया है.
सीएम गहलोत ने कहा कि 50 साल में जोधपुर के लिए जब भी मौका मिला हमने सेवा की है, अभी भी मैं रिटायर नहीं हो रहा हूं. मेरा सेवा कार्य जारी रहेगा. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि रिटायर होकर कर बैठने का मतलब है बीमार होना. बचपन से जो व्यक्ति सेवा के कार्य में लगा हो उसे यदि घर बैठा दिया जाए तो वह बीमार होगा लेकिन मैं बीमार होना नहीं चाहता.
गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश व जनता की सेवा करते 50 साल यानी आधी शताब्दी का सफर पूरा हो गया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा की भोळावण पर गहलोत ने कहा, ”अब मैं खुद क्या बोलूं अपने मुंह से मारवाड़ का सीएम हूं, तो लगेगा घर का जोगी जोगना.
जोधपुर की जनता ने तीन बार सीएम बनाया है. सीएम अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेते हुए कहां की मोदी जी कहते हैं कि जब मैं मुख्यमंत्री था तो अशोक गहलोत ही सबसे सीनियर मुख्यमंत्री थे. अभी भी जब मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई तो उसमें भी मोदी जी ने कहा कि सबसे सीनियर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं.
सीएम गहलोत ने कहा कि मुआवजे को लेकर एक नीति होनी चाहिए. सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों पर यह दबाव नहीं होना चाहिए. लोग लाश बनकर बैठ जाते हैं. ऐसे राजनीति नही होती है. लाश की बेइज्जती न हो, इस कारण प्रशासन ऊपर-नीचे होता है. भुंगरा हादसे में भी कुछ लोग राजनीति करने लगे, लेकिन सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई. गहलोत ने हाइकोर्ट की उस टिप्पणी को सही ठहराया, जिसमें हाइकोर्ट ने सरकार की एक याचिका की सुनवाई करते हुए पूछा कि सरकार की मुआवजा नीति क्या है.