राजस्थान में बिजली का संकट के चलते हो रही 4-5 घंटे तक अघोषित कटौती, आगे और बढ़ सकती है मांग

इंडिया न्यूज़, Rajasthan Power Crisis: राजस्थान में लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण है कि प्रदेश में एक बार फिर से बिजली संकट घराने लगा है। प्रदेश में करीब ऐसे 10 पावर यूनिट्स हैं जो बंद पड़े हैं। यानि के करीब 4442.50 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन बंद हो चुका है। ऐसे में लोगों को अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। यह बिजली कटौती शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक की जा रही है।

डिमांड से सप्लाई करीब 2500 मेगावाट कम

वहीं प्रदेश में बिजली की डिमांड जितनी भी बिजली नहीं है। जहाँ प्रदेश में अब बिजली की डिमांड पीक आवर्स में 14100 मेगावाट हो गई है, वहीं अब उपलब्धता केवल करीब 11595 मेगावाट है। यानि के डिमांड और सप्लाई में 2505 मेगावाट का अंतर है। हालांकि पावर एक्सचेंज से बिजली खरीदी जा रही है लेकिन उसके बावजूद भी बिजली की कमी बनी हुई है। जिसके चलते ग्रामीण शहरी इलाकों में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।

बता दें कि राजस्थान में कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स की कुल कैपेसिटी 7580 मेगावाट है, जबकि 4010 मेगावाट कैपिसिटी की थर्मल यूनिट्स ठप हैं। यही नहीं अनुमान लगाया जा रहा है कि आगे बिजली की कमी और ज्यादा बढ़ सकती है। इसके पीछे का कारण राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (RUVNL) की असेसमेंट रिपोर्ट में साल 2022-23 में प्रदेश में बिजली की पीक आवर्स में डिमांड 17757 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। वहीं उपलब्ध कैपेसिटी 12847 रहने का अनुमान है। जिसके चलते उस समय भी बिजली की कमी हो सकती है।

बजट 2022-२३ में हुई थी 3 पावर यूनिट लगाने की घोषणा

गौरतलब है कि सीएम गहलोत ने बजट 2022-23 में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा की थी। जानकरी के अनुसार राज्य सरकार 2120 मेगावाट की 3 अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल पावर यूनिट लगाएगी। यह 3 नई थर्मल बेस पावर प्लांट यूनिट होगी। इन यूनिट से 2120 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी है। इससे राजस्थान के कोल बेस्ड पावर प्लांट की कैपिसिटी 7580 मेगावाट से बढ़कर 9700 हो जाएगी

पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने दी आंदोलन की चेतावनी

बिजली संकट के कारण तीनों बिजली कंपनियां चाहे वह जयपुर डिस्कॉम हो या फिर अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम में तीनो ही लोड शेडिंग कर बिजली कटौती कर रही है। यह बिजली कटौती करीब 4-5 घंटे तक की जा रही है। ऐसे में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसको लेकर कोटा में पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने ग्रामीणों और किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष योगेंद्र नंदवाना के साथ कोटा के सुप्रिंटेंडेंट इंजीनियर को ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने 7 दिन में बिजली सप्लाई में सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

ये भी पढ़ें : राजस्थान में फिर एक्टिव होगा मानसून, 9 सितंबर से प्रदेश में भारी बारिश की संभावना

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Rahul Sharma

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