India News Rajasthan ( इंडिया न्यूज ), Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा में आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने बजट पर विवादित बयान दिया है. हरीश चौधरी ने कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ की कुछ पंक्तियां पढ़ीं। कविता पढ़ने के बाद कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि क्रांतिकारी कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि ने ‘ठाकुर का कुआं’ कविता के जरिए भेदभाव की पीड़ा को बयां किया। जिसके बाद विधानसभा में जमकर हंगामा मचा गया ।
हरीश चौधरी ने कहा, बजट के अंदर दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की क्या स्थिति है, इसे हम ही महसूस कर सकते हैं। इस बजट को पढ़कर ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता जहन में आती है। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का… हल की मूठ पर मेरी हथेली… फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का… खेत खलिहान ठाकुर के… गली मोहल्ले ठाकुर के… फिर हमारा क्या है?… गांव.. शहर?… देश?
हरीश चौधरी ने कहा कि जब हम आरक्षण के नाम पर अपना दर्द बयां करते हैं तो हमारा मजाक उड़ाया जाता है। 80 फीसदी संसाधन सवर्णों के पास हैं। हम पिछड़ों के पास क्या है? हम जो ओबीसी में पिछड़े हैं, उनके पास क्या है? हमें सिर्फ 17 फीसदी मिला है। नौकरियों में रोस्टर के नाम पर खेल खेला जाता है। ओबीसी को सिर्फ वोटिंग के समय याद किया जाता है।
हरीश चौधरी द्वारा ये कविता पढ़े जाने के बाद बीजेपी नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई । पलटवार करते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने अध्यक्ष से आपत्तिजनक बातों को सदन की कार्यवाही से हटाने को कहा। हालांकि हरीश चौधरी ने इसका विरोध भी किया। सत्ता पक्ष और निर्दलीय विधायकों की आपत्ति पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अगर किसी जाति या वर्ग के लिए टिप्पणी करने से किसी को ठेस पहुंचती है तो उसे कार्यवाही से हटा देना चाहिए।
पटेल ने कहा कि हम सब एक हैं और हमें ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इस पर अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि जो भी सदन के हित में नहीं होगा उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। पटेल ने हरीश चौधरी से कहा कि हरीश जी आपने अब तक जो भी कहा है वह आपके विषय के अनुरूप नहीं है। आपको यह स्वीकार करना होगा कि आप किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते।
अनुदान मांगों पर बहस करते हुए भाजपा विधायक अमृतलाल मीना ने हरीश चौधरी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- हरीश चौधरी आदिवासियों की अनुदान मांगों और सामाजिक न्याय पर बहस कर रहे थे। वे एससी-एसटी को ठाकुर कह रहे थे। वे कितने सच्चे, कितने काले हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। मीना ने कहा- वे देश की पाइपलाइन, पूरी रिफाइनरी खा गए। उस क्षेत्र में जाकर देखिए किसी पर उंगली उठाने से क्या होता है। सबको पता है कि पूरा बाड़मेर लूटा गया है।