India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan Politics: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, राहुल गांधी, सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बैठक हुई। मीडिया को जानकारी देते हुए बॉडीगॉर्ड गोपाल ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी एक साथ होकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेगी और जीतेगी भी।
सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई सुलह की चर्चा जोरों पर है। दरअसल सचिन पायलट ने कुछ दिन पहले ही सीएम अशोक गहलोत को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हमारी मांगे जिसमें कि वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार, पेपर लीक जैसे कई मामले में अगर कोई भी पारदर्शी तरीके से जांच नहीं हुई तो यह आंदोलन जारी रहेगा। लेकिन चेतावनी वाले दिन के एक दिन पहले ही दिल्ली में हुई बैठक से क्लियर हो गया कि सचिन पायलट अशोक गहलोत के खिलाफ कोई भी आंदोलन नहीं करेंगे।
लोग सवाल कर रहे हैं कि हाईकमान ने अगर दावा कर दिया कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच समझौता हो गया है, तो सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट आंदोलन ना करने का ऐलान क्यों नहीं कर रहे हैं।
वही लोगों का यह भी सवाल है कि अगर सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक साथ काम करेंगे तो सचिन पायलट ने जिन मुद्दों पर अनशन और जन संघर्ष यात्रा किए थे उस पर कांग्रेस नेता का रुख क्या होगा?
लोगों का मानना है कि सचिन पायलट के चेतावनी के पहले ही कांग्रेस की बैठक इसलिए की गई ताकि सचिन पायलट को मनाया जा सके। सचिन पायलट द्वारा निकाली गई जन संघर्ष यात्रा के दौरान भारी भीड़ को देखते हुए कांग्रेस खुद ही चिंतित हो गई थी। कांग्रेस सचिन पायलट के द्वारा किए जा रहे आंदोलन के साथ में नहीं थी क्योंकि इससे भाजपा आने वाले चुनाव में इस मामले का मुद्दा बना लेती।
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