India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Politics: कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले राजस्थान के विधानसभा क्षेत्रों में फीडबैक आधारित ओपिनियन पोल के लिए कुछ जिलों में पर्यवेक्षक तैनात किए हैं।इनमें दो से तीन विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी के साथ पर्यवेक्षकों को फीडबैक आधारित ओपिनियन पोलिंग करानी है। उन्हें चुनाव के लिए संगठन और उम्मीदवारों की क्षमता का पता लगाने के लिए जानकारी जुटानी होगी।
दो दिनों में पर्यवेक्षकों का यह फीडबैक फिलहाल विधायकों और प्रत्याशी रहे नेताओं द्वारा लामबंद कार्यकर्ताओं की बैठक तक ही सीमित है। जयपुर में कांग्रेस संगठन की दृष्टि से दो जिले जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण हैं। उनकी जिम्मेदारी सुखबिंदर सरकारिया को दी गई है। इनके अलावा सरकारिया को अजमेर शहर, अजमेर देहात, सीकर जिले का पर्यवेक्षक भी बनाया गया है।
किक्की संधू को जयपुर के मालवीय नगर व आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक बनाया गया है। इन दोनों नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्र में बैठक कर काम शुरू कर दिया है। हालांकि अभी तक ये मुलाकात सिर्फ मुलाकात तक ही सीमित रह गई है। लेकिन कांग्रेस संगठन का कहना है कि कुछ दिनों में ये पर्यवेक्षक भी आमने-सामने होंगे।
दरअसल, प्रदेश प्रभारी बनाए जाने के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने साफ तौर पर कहा था कि वह राज्य के सभी जिलों और विधानसभाओं में सर्वे कराकर और फीडबैक लेकर संगठन और सत्ता को मजबूत करने के लिए कदम उठाएंगे। बताया जा रहा है कि पर्यवेक्षकों की नियुक्ति उसी कदम का एक हिस्सा है।
रंधावा ने खुद ऑब्जर्वर तय किए हैं। इसके अलावा रंधावा ने उनके साथ तालमेल के लिए कैप्टन जेएस रंधावा को भी नियुक्त किया है, लेकिन वह अभी तक जयपुर नहीं आए हैं।
दरअसल पर्यवेक्षक अपनी जिम्मेदारी के तहत विधानसभा सीटों पर जा रहे हैं और वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं व नेताओं से प्रारंभिक परिचय ले रहे हैं। सरकारिया और संधू की दो-तीन मुलाकातें हो चुकी हैं। इसके बाद वे वन-टू-वन मिलेंगे। इसमें वह जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे।
प्रत्याशी के तौर पर वे चुनाव कार्य के रूप में फीडबैक लेंगे। वे क्षेत्रों में जाकर यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि पार्टी के कार्यकर्ता सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं या नहीं।
दरअसल, पर्यवेक्षकों के आने से पहले चुनाव लड़ने को आतुर कांग्रेस के स्थानीय नेता लगातार अपने क्षेत्र में आने वाले पर्यवेक्षकों या सर्वेक्षकों से मिलने की कोशिश कर रहे थे। दरअसल, रंधावा ने कहा था कि वे जो भी पार्टी के लिए काम कर रहे होंगे, उनका सर्वे कर पता लगाया जाएगा। इसके बाद सर्वे को लेकर कयासबाजी शुरू हो गई। अब पर्यवेक्षकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
REPORT BY: KASHISH GOYAL
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