India News(इंडिया न्यूज़ ), Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के पहले नेताओं की पार्टियां बदलने का दौर शुरू हो गया। शुक्रवार को सुभाष महरिया ने BJP के कई नेताओं के समक्ष वापस से बीजेपी ज्वाइन कर लिया। बता दे, कि सीकर से सुभाष महरिया तीन बार सांसद रह चुके हैं। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में सुभाष महरिया ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राज्य मंत्री की कमान संभाल चुके हैं। सुभाष महरिया को सचिन पायलट का बहुत करीबी माना जाता है।
सुभाष महरिया के बीजेपी ज्वाइन करने से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। सुभाष महरिया ने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में कहा कि गहलोत सरकार अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को लागू करने में असफल रही है और उनके कार्यकाल के दौरान लगातार भ्रष्टाचार बढ़ा है।
सुभाष महरिया ने कहा कि ‘‘हम 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में इतिहास रचेंगे। बीजेपी के मतदान को सीकर व आसपास के क्षेत्र में 20 प्रतिशत तक बढ़ाने की कोशिश करेंगे।” साल 1998, 1999 और 2004 में सुभाष महरिया लोकसभा सांसद थे। कांग्रेस के टिकट पर साल 2019 में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री और एक जाट नेता भी थे। साथ ही बीजेपी के किसान मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
सुभाष महरिया के अलावा आईपीएस के पूर्व अधिकारी रामदेव सिंह खैरवा, रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी गोपाल मीणा, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी पीआर मीणा समेत कई लोग बीजेपी में शामिल हुए। इस मौके पर महरिया ने कहा कि वह बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और अपने परिवार में दोबारा वापिस आकर बहुत ख़ुशी मिल रही है। पार्टी की तरफ से जो भी जिम्मेदारी मिलती है, उसको हम पूरी निष्ठा के साथ पूरा करेंगे।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने आरोप लगते हुए कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई है, भ्रष्टाचार चरम पर हराजस्थान की जनता गहलोत सरकार से परेशान हो चुकी है। यही वजह है कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता बीजेपी में शामिल हो रहे है। कांग्रेस पार्टी के नेता एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे है। बीजेपी की विचारधारा को उसके नेता स्वीकार कर रहे हैं।’
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