India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Politics: राजस्थान में कर्जमाफी की बात तो कही गयी थी लेकिन वो सिर्फ सहकारिता बैकों में हुई है। जिसके लिए राज्य सरकार की तरफ से 14-16 हजार करोड़ का रुपए का भार वहन हुआ है। लेकिन यहां समझने वाली बात ये है कि किसान केवल सहकारिता बैंकों से ही लोन नहीं लेते। बता दें कि किसान नेशनल, कमर्शियल या नेशनलाइज्ड रूरल बैंकों से भी कर्ज लेते है और कई बार जिसे बहुत से किसान चुका नहीं पाते और उनकी जमीन कुर्क हो जाती है।
अगर बात करें साल 2028 की तो, साल 2028 में पोकरण में कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों से पहले कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ होगा। राहुल गांधी ने ये वादा एमपी और छत्तीसगढ़ में भी किया था। इस वादे के बाद ही दिंसबर 2018 में तीनों राज्यों में कांग्रेस को जीत मिली थी।
इस मामले को लेकर बीजेपी अब कांग्रेस पर हमलावर है और आगामी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर घमासान करने की तैयारी में हैं। इस मामले पर बोलते हुए विधायक नरपत सिंह राजवी ने कहा कि साल 2018 के चुनावों में कांग्रेस ने कर्ज माफी का वादा किया था।
लेकिन कर्ज नहीं चुका और किसानों की खेती की जमीन कुर्क हो गयी। विधायक ने ये भी बताया कि 19,422 किसानों से उनकी जिन्दगी का आधार यानि की उनकी जमीन को ही छीन लिया गया है। अभी भी वक्त है सरकार किसानों की जमीनों का मुआवजा देकर पाप का प्रायश्चित कर सकती है।
24 सिंतबर 2022 को सीएम अशोक गहलोत ने भरतपुर में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 120वीं जयंती पर हुई सभा के दौरान ये दावा किया था कि बीते 4 सालों में 22 लाख किसानों के कर्ज माफ किये गये हैं और किसानों के खातों में सरकार हर महीने एक हजार रुपए जमा भी करा रही है।
आपको बता दें कि हैरान करने वाली बात तो ये कि अलग से कृषि बजट पेश करने वाले इकलौते राजस्थान में 19 हजार 422 किसानों की जमीनें कुर्क हो चुकी हैं। जिसमें सबसे ज्यादा मामले अलवर, जयपुर और हनुमानगढ़ में क्रमश: 4421, 2945 और 1906 रहे हैं।