India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan news: डीजी – आईजी कांफ्रेंस का होस्ट इस बार राजस्थान को चुना गया है। ऐसे में यह आयोजन राजस्थान सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। चलिए जानते है क्या है पूरा मामला।
क्यों है राजस्थान के लिए चुनौती?
यह आयोजन इसलिए चुनौती वाला है क्योंकि आयोजन से ठीक पहले डीजीपी बदले गए हैं,सरकार तक बदल चुकी है। आयोजन का होस्ट होने के नाते राजस्थान को इससे काफी फायदा होगा। इस आयोजन से काफी फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है। अपराध की लिस्ट की बात करें तो, कई बड़े अपराधों में राजस्थान देशभर में टॉप पर आता है। । ऐसे में इस आयोजन पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
महिला अपराध में नंबर वन पर राजस्थान
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, अपराध के आंकडे जारी किए हैं ,जिसमें देश भर के तमाम राज्यों की लिस्ट है। इनमें राजस्थान इस बार भी राजस्थान नंबर वन पर है। जनसंख्या की नजर से यूपी और एमपी राजस्थान से कहीं बड़े हैं, लेकिन उसके बाद भी महिला अपराध की नजर में राजस्थान आगे है। लेकिन इस बात को नकारा नहीं जा सकता किं हर साल बड़ी संख्या में महिला अपराध झूठे भी दर्ज किए जाते है।
अब भरतपुर का मेवात बना इसमें अव्वल
जामताड़ा का नाम तो आप जानते हीं होंगे। साइबर अपराध के लिए जामताड़ा हमेशा चर्चा में रहता है। लेकिन अब भरतपुर इसमें सबसे आगे है। हाल ही में साइबर अपराध को लेकर लिस्ट जारी हुई। जिसमें जामताड़ा तीसरे नबंर पर पहुंच चुका है। यहां बैठे बैठे कम पढ़े लिखे युवा देश भर के कई राज्यों के आईपीएस और आईएएस अफसरों को भी अपना निशाना बना चुके है।
पुलिस की नफरी हो रही कम
राजस्थान में अभी क लाख दस हजार के करीब पुलिस नफरी है। और करीब एक एक लाख पदों पर पुलिस तैनात है। पिछले दिनों ही राजस्थान में जिलों की संख्या बढ़ाई गई थी। जिससे चलते नफरी को नहीं बढ़ाया जा सकता । दस हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों की कमी के अलावा यातायात भी बड़ी समस्या है। कई सरकारें बदल गई लेकिन ट्रेफिक पुलिस की सीधी भर्ती नहीं निकाली जा सकी है।
आर्थिक अपराध में 17 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार देश में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 1,93,385 केस सामने आए थे। यह आंकड़ा साल 2021 के हिसाब से 11.1 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, राजस्थान में साल 2022 में आर्थिक अपराध के 27,848 केस दर्ज किए गए है। वहीं साल 2021 में ऐसे 23,757 और 2020 में 18,528 मुकदमे दर्ज किए गए थे। 2021 में प्रदेश में आर्थिक अपराध का आंकड़ा 17.22 फीसदी तक बढ़ा है।
राजस्थान के जेल की बात करें तो। यहां पर भी व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है। सभी फोन पर सब काम कर रहे है। जिसके चलते ये सिग्नल ब्लॉक नहीं कर पाते। जबकि यूपी, बिहार , गुजरात जैसे कई राज्य हमारे जेलों का सैटअप देख चुके है। और वहां सफल काम चल रहा है।