(जयपुर): कोविड प्रोटोकॉल का पालन न होने पर भारत जोड़ो यात्रा को सस्पेंड करने की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की हिदायत पर कांग्रेस ने करारा पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को सिर्फ भारत जोड़ो यात्रा ही क्यों दिखाई दे रही है?
राजस्थान और कर्नाटक में बीजेपी खुद भी यात्राएं निकाल रही है. क्या केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इन यात्राओं के आयोजकों को भी चिट्ठी लिखकर वैसी ही सलाह दी है, जो वो कांग्रेस नेताओं को दे रहे हैं? कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वो कोविड प्रोटोकॉल के नाम पर जानबूझकर भारत जोड़ो यात्रा को निशाना बना रही है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखी चिट्ठी में सलाह दी है कि अगर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा सकता, तो यात्रा को सस्पेंड कर देना चाहिए.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने हरियाणा के नूह में बुलाई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मांडविया की चिट्ठी का जवाब देते हुए कहा कि सरकार अगर कोविड प्रोटोकॉल लागू करना चाहती है, तो उसका एलान करे. कांग्रेस पार्टी उसका पालन करने के लिए तैयार है. लेकिन ये नियम सब पर बराबरी से लागू होने चाहिए.
भारत जोड़ो यात्रा को सस्पेंड करने की केंद्रीय मंत्री की सलाह पर भड़की कांग्रेस ने सरकार पर एक के बाद एक कई सवालों की बौछार कर दी. खेड़ा ने एक के बाद एक कई सवाल दागते हुए कहा, ‘‘भाजपा के नेताओं का हवाला देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने राहुल गांधी जी को पत्र लिखा है.
क्या इसी तरह का पत्र भाजपा की राजस्थान इकाई के सतीश पूनिया को भेजा गया है जो ‘जन आक्रोश यात्रा’ निकाल रहे हैं? क्या स्वास्थ्य मंत्री ने कर्नाटक में भाजपा के नेताओं को पत्र लिखा जहां वो एक यात्रा निकाल रहे हैं? मैं मानता हूं कि उनकी जन आक्रोश यात्रा को अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा है. उसमें कोई आ नहीं रहा है, जबकि भारत जोड़ो यात्रा को देश भर में जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है. उसमें लोगों की भारी भीड़ आ रही है.”
पवन खेड़ा ने आगे कहा कि आज देश में कहीं भी कोविड से जुड़ी पाबंदियां लागू नहीं हैं. अगर आप विमान से यात्रा करें तब भी आपको मास्क लगाने या सैनिटाइजर इस्तेमाल करने को कोई नहीं कहता. अगर कोविड प्रोटोकॉल लागू करना है, तो मोदी सरकार ने इसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कड़ाई से लागू क्यों नहीं किया?
ये पाबंदियां सिर्फ राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और भारत जोड़ो यात्रा के लिए ही लागू क्यों की जा रही हैं? कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि “क्या भारत सरकार ने नियमों या प्रोटोकॉल की घोषणा की है? क्या संसद का सत्र स्थगित हुआ? अगर संसद का सत्र चल सकता है,
जनाक्रोश यात्रा चल रही है, कर्नाटक में बीजेपी की यात्रा चल सकती है, अगर एयर ट्रैवल में मास्क लगाना जरूरी नहीं है, तो आप सिर्फ राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा को ही निशाना क्यों बना रहे हैं? अगर आप नियमों की घोषणा करते हैं तो हम उनका पालन करेंगे. लेकिन नियम सबके लिए लागू होने चाहिए.’’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को राहुल गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम अपनी चिट्ठी में लिखा है कि राजस्थान के तीन बीजेपी सांसदों पीपी चौधरी, निहाल चंद और देवजी पटेल ने भारत जोड़ो यात्रा में कोविड प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने मांग की है कि यात्रा के दौरान मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल समेत कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए और सिर्फ उन्हीं लोगों को शामिल होने की इजाजत दी जाए, जिन्हें कोविड वैक्सीन लग चुकी है.
बीजेपी सांसदों ने यात्रा में शामिल होने वालों को पदयात्रा से पहले और उसके बाद आइसोलेशन में रखे जाने की मांग भी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने राहुल गांधी के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी कहा है कि वे बीजेपी सांसदों की चिंताओं को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाएं. लेकिन राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब राजस्थान से निकलकर हरियाणा में प्रवेश कर चुकी है. ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या अब मांडविया हरियाणा के मुख्यमंत्री को भी चिट्ठी लिखकर बीजेपी सांसदों की चिंताओं के आधार पर कदम उठाने की सलाह देंगे?
7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब तक तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुज़र चुकी है. बुधवार को हरियाणा में प्रवेश करने के बाद अब 24 दिसंबर को ये पदयात्रा दिल्ली पहुंचेगी.
करीब 8 दिन के ब्रेक के बाद यह पदयात्रा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब होते हुए जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त होगी. इस पूरी यात्रा के दौरान राहुल गांधी 3500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पैदल तय करेंगे. देश के मौजूदा राजनीतिज्ञों में शायद ही कोई और बड़ा नेता होगा, जिसने एक बार में इतनी लंबी पदयात्रा की हो.