इंडिया न्यूज़, Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर में अवैध खनन के खिलाफ खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने वाले संत विजय बाबा की शनिवार तड़के करीबी 2:30 दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संत विजय बाबा के निधन पर शोक जताते हुए उनकी मृत्यु की प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से जांच करवाने की घोषणा की है। इसके साथ ही सीएम गहलोत ने मृतक संत के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की बात भी कही है। सीएम गहलोत ने खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि संत श्री विजय बाबा का निधन बेहद दुखद है। हमने उन्हें बचाने के हरसंभव प्रयास किए एवं उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाईं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। इसके साथ ही सीएम ने घटना की जांच प्रमुख शासन स्तर के अधिकारी से करवाने की बात भी कही।
मुझे दुख है कि जब सरकार ने उनकी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी तो उन्हें किन परिस्थितियों में यह दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाना पड़ा। इस घटना की जांच प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी से करवाने का निर्णय लिया है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 23, 2022
अवैध खनन के खिलाफ करीब 551 दिन से चल रहे साधु-संतों के आंदोलन में बुधवार को भरतपुर के पसोपा गांव में बाबा विजय दास नाम के संत ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। बाबा ने केरोसीन डालकर आग लगाने के बाद राधे-राधे कहते हुए दौड़ने लगे। पुलिसकर्मियों ने कंबल डालकर आग बुझाई। आत्मदाह का प्रयास करने वाले साधु का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। जहां उसे शनिवार को मृत घोषित कर दिया गया।
घटना 20 जुलाई को डीग में दर्ज की गई थी जब साधु विजय दास ने इलाके में अवैध खनन के विरोध के बीच आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसके बाद उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जयपुर से दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया था। वहीं शनिवार तड़के करीब करीब 2.30 बजे उनके मृत्यु हो गई। वहीं इस आंदोल के दौरान एक साधु टावर पर भी चड़ गए थे। जो करीब 36 घंटे बाद निचे उतरे थे।
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