जयपुर: (right to health bill) राजस्थान सरकार ने बजट में राइट टू हेल्थ बिल को आम जनता के लिए जैसे ही पास करने की बात कही तो वैसे ही प्रदेश के डॉक्टर्स धरना प्रदर्शन करने लगा जिसको देखते हुए अब राजस्थान सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल को राजस्थान विधानसभा में पास करवा दिया। सभापति राजेंद्र पारीक ने आसन से पूछा कि प्रश्न यह है कि प्रवर समिति द्वारा प्रतिवेदित राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 को जनमत मानने के लिए परिचारित किया जाए।
इस पर ‘ना पक्ष’ जीता और विधेयक को जनमत जानने के लिए संशोधन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया। फिर सभापति ने कहा प्रश्न यह है कि प्रवर समिति द्वारा प्रतिवेदित राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 को विरारार्थ लिया जाए। इस पर ‘हां पक्ष’ जीता और विधेयक को विचारार्थ लिया गया। ‘खण्ड 2 से 20’ तक कोई संशोधन नहीं किया गया। 2 से 20 तक खण्ड बहुमत के आधार पर स्वीकार किए गए। इसके बाद खण्ड एक अधिनियम, नाम, सूत्र नाम आदि स्वीकार करने के लिए कहा गया। इसमें भी ‘हां पक्ष’ जीता और खण्ड एक स्वीकार किया गया। इसके बाद सभापति ने प्रभारी मंत्री को बोलने को कहा। तो मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि सभापति महोदय मैं आपकी अनुमति से प्रस्ताव करता हूं कि प्रवर समिति द्वारा प्रतिवेदित राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 को पारित किया जाए। सभापति ने फिर पूछा कि प्रश्न यह कि प्रवर समिति द्वारा प्रतिवेदन राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 को पारित किया जाए। इसमें ‘हां पक्ष’ जीता और विधेयक को पारित कर दिया गया।
इससे पहले उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि स्टेक होल्डर्स पर तो लाठीचार्ज कर रहे हैं। अभी वहां उन्होंने अनाउंस किया है कि पांच लोग आत्महत्या करेंगे। ये किस तरह का वातावरण है। जिनको काम में लेना चाहते हैं उनको विश्वास में नहीं ले पाए। राठौड़ ने आगे कहा कि हम बेसिकली इस बिल के सिद्धांत के विरोध में नहीं हैं। हम भी चाहते हैं कि यह बिल आए, लेकिन इस प्रकार अगर बिल आएगा, हमारे खुदके हॉस्पिटल में फैकल्टी नहीं है, खुदके इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है और निजी चिकित्सालयों पर ये बात लादें।
राठौड़ ने आगे यह कहा कि इसलिए मैं निवेदन करूंगा कि आप 50 बेडेड मल्टी सुपर स्पेशियलिटी वाली बात और रिड्रेसल के लिए 1 विंडो सिस्टम हो ये बात आप सदन में खड़े होकर कहो, नहीं कहो, तो हम जाते हैं, आप अपना पास कराओ। इस पर प्रभारी मंत्री परसादीलाल मीणा ने सदन में कहा कि उपनेता महोदय को कमेटी में भी आश्वस्त कर चुका, हम 50 बेड स्पेशियलिटी हॉस्पिटल डाल देंगे, रूल्स में डाल देंगे। ये आप विश्वास रखिए। हमारी हाउस में कही हुई बात कभी खराब नहीं होती है।
राइट टू हेल्थ विधेयक पास कराने से पहले चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने स्पष्ट करते हुए सदन में कहा कि सरकार ने जिन भी अस्पतालों को रियायती दरों पर जमीन दी हैं, उन सभी अस्पतालों को निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के अधिकार और चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में लाया जाएगा। मंत्री ने कहा कई अस्पताल मरीजों के साथ चीटिंग करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी अस्पताल तो उसके दायरे में आएंगे ही, प्राइवेट अस्पताल भी आएंगे। मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा- सरकार डॉक्टर्स से डरने वाली नहीं है। उन्होंने आगे कहा वह आंदोलन करें उन्हें अधिकार है किसने रोका है। लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमें गरीब के इलाज करने के लिए कहा है, वह हम करके रहेंगे। चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने विधानसभा में कहा कि प्रवर समिति की ओर से दिए गए सभी सुझावों को निश्चित तौर पर माना गया है और रूल्स में भी माना जाएगा। उन्होंने कहा कि जब विधेयक के लिए रूल्स बनेंगे तो उन सभी प्रावधानों को शामिल किया जाएगा। मंत्री मीणा ने कहा प्रवर समिति में सभी सदस्यों के सुझाव लिए गए, हमने डॉक्टर्स से भी बातचीत की, आईएमए के भी दो चिकित्सक प्रतिनिधि रखे गए। जो-जो कहा गया, जो सुझाव मिले सरकार ने सभी पर अमल किया है। सोमवार को डॉक्टर्स से वार्ता हुई तो उन्होंने बिल वापस लेने और लागू नहीं करने की एक सूत्री मांग रख दी, यह कैसे सम्भव है, फिर तो विधानसभा के इस सदन का औचित्य ही नहीं रह जाएगा, इसलिए बिल तो लागू होकर रहेगा।
आपको बता दें कि इससे पहले राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ, अनिता भदेल, सुमित गोदारा, अविनाश गहलोत समेत कई विधायकों ने हिस्सा लिया। राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार को इस विधेयक में 50 बेड मल्टी हॉस्पिटल की शर्त को जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स पर पुलिस लाठीचार्ज का वह विरोध करते हैं और सरकार को इसमें जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।