जयपुर:(The state government has taken several steps to prevent paper leak and cheating cases of recruitment examinations): राजस्थान सरकार ने भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में विपक्ष की मांग सीबीआई जांच को करवाने से मंगलवार यानी 24 जनवरी को खारिज कर दिया। आपको बता दे कि कुछ दिन पहले राजस्थान विधानसभा में पेपर लीक मामले को लेकर विपक्ष ने हंगामा कर दिया, जिसके चलते राज्यपाल अभिभाषण बीच में ही छोड़ कर चले गए। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि मामले की जांच करने में प्रदेश पुलिस सक्षम है।
सरकार का कहना है कि राजस्थान पुलिस इस तरह की जांच के लिए पर्याप्त सक्षम है और ऐसे मामलों में दोषियों को सजा दिलवाना सरकार की प्रतिबद्धता है। राज्य सरकार की ओर से स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान विधानसभा में इस मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही।
धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक व नकल प्रकरणों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें एक नया कानून बनाना भी शामिल है। उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी सहित विपक्ष भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है। इसको लेकर भाजपा विधायकों ने सोमवार यानी 23 जनवरी को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा एवं नारेबाजी भी की थी। सदन में मंगलवार को इस पर चर्चा भी की गई।
इसका जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा, ‘प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता को बनाए रखने के लिए सरकार हर तरह से कृतसंकल्प होकर कार्य कर रही है और भविष्य में पेपर लीक प्रकरण की दुर्भाग्यपूर्ण घटना न घटित हो इसके लिए भी हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अब अगर इस मामले को सीबीआई को दिया गया तो आठ साल तक सीबीआई की जांच चलती रहेगी, ये सारे जांच से जुड़े दस्तावेज सीबीआई जब्त कर ले जाएगी और परीक्षाएं 15 साल तक भी नहीं हो पाएंगी और विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा।’
धारीवाल ने कहा, ‘इस मामले में तेजी से जांच करवाई जा रही है और दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है। दोषियों को सजा हम दिलवाएंगे ये हमारी प्रतिबद्धता है। विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो इसलिए परीक्षा कराकर भर्ती करेंगे।’
उन्होंने विपक्ष से कहा, ‘इसलिए आप सीबीआई की जिद छोड़ो राजस्थान की पुलिस बहुत सक्षम पुलिस है, मैं आपकी सीबीआई जांच की मांग को खारिज करता हूं।’
आपको बता दे कि पेपर लीक प्रकरण में मंत्रियों व अधिकारियों के संलिप्त होने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा, ‘अगर आपके पास किसी भी मंत्री, अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई भी साक्ष्य है तो कृपया हमें, अदालत या जांच एजेंसी को दीजिए।’
उन्होंने ये भी कहा, कि‘हमारी सरकार ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2022 को पारित किया। इसमें पेपर लीक होने से संबंधित षडयंत्र करने और प्रयत्न करने तक को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया। हमारी सरकार ने इस कानून के तहत पेपर लीक से जुड़े अपराधियों के लिए अधिकतम सजा को बढ़ाकर दस साल कर दिया है। यह ऐतिहासिक कानून है देश के किसी भी राज्य में पेपर लीक व नकल के मामले में इतना कठोर कानून कोई दूसरा नहीं है।’
मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दस प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए उनमें 15 प्रकरण दर्ज किए गए और 281 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। विपक्ष पर निशाना साधते हुए धारीवाल ने कहा, कि‘आपकी सरकार के समय जो पेपर लीक हुए उसमें मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई।
अपराधी तो पकड़े गए लेकिन जिस गंभीरता के साथ सरकार को काम करना चाहिए था वह नहीं किया, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आपने न ही कोई प्रभावी कदम उठाए।’ वहीं इससे पहले चर्चा के दौरान सदन में हंगामा भी हुआ और सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।