जयपुर: (Network of NRR friends helped Rajasthani community)तुर्की और सीरिया में सोमवार यानी पांच फरवरी की सुबह करीब 04:17 बजे भूकंप आया था। इसकी गहराई जमीन से 17.9 किलोमीटर अंदर थी। भूकंप का केंद्र गाजियांटेप के पास था। यह सीरिया बॉर्डर से 90 किमी दूर स्थित है। ऐसे में सीरिया के कई शहरों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए। यह तुर्की में 100 साल में सबसे तीव्रता वाला भूकंप बताया जा रहा है। भूकंप के बाद 77 झटके लगे। इनमें से एक झटका 7.5 तीव्रता का था।
जबकि तीन झटके 6.0 तीव्रता से अधिक थे। जिसके बाद तुर्की और सीरिया में शोक की लहर है। भूकंप इतनी तेज था कि इसके चलते कई इमारतें मलबे में ध्वस्त हो गई। इस मलबे में दबने से अब तक करीब 4800 मौतें हो चुकी है। तुर्की और सीरिया की जमीन पर आए भूकंप से प्रवासी राजस्थानियों को हुए नुकसान की चिंताएं राजस्थान सरकार को भी सताने लगी है। जिसके चलते राजस्थान फाउंडेशन ने विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों की मदद के लिए तीन हेल्पलाइन जारी किए हैं।
यह हेल्पलाइन नम्बर नॉन रेजिडेंट राजस्थानियों (एनआरआर) की मदद का काम करेंगे। अगर किसी को मदद की जरूरत है, तो वह हेल्पलाइन नंबर +91-83060 09838, 0141-2229111 और 011-23070807 पर संपर्क कर सकता है। राजस्थान फाउंडेशन देश-विदेश में हर राजस्थानी की मदद करने के लिए हमेशा आगे रहता है।
फाउंडेशन ने यह सुनिश्चित करने के लिए ये हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किए हैं कि इस संकट के दौरान कोई भी राजस्थानी अकेला न रहे। इस काम में विभिन्न पड़ोसी देशों में बसे एनआरआर मित्र भी फाउंडेशन के साथ जुड़े हैं और प्रभावित परिवारों की मदद के लिए काम कर रहे हैं। राजस्थान फाउंडेशन इस आपदा से प्रभावित लोगों को मदद पहुंचाने के लिए एनआरआर मित्रों के साथ लगातार कोआर्डिनेशन कर रहा है।
राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमेशा हमारे प्रवासी समुदाय की जरूरतों के लिए संवेदनशील रहे हैं और विशेष रूप से संकट के हालातों के दौरान सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ज़रूरी उपाय करती है कि प्रभावित राजस्थानियों की मदद की जाए। हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि सभी प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द ज़रूर मदद मिले और राज्य सरकार ज़रूरी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
धीरज श्रीवास्तव ने कहा कि इन हेल्पलाइन नंबरों को शुरू करने का मकसद प्रवासी कम्युनिटी को राहत और मदद पहुंचना है। राजस्थान फाउंडेशन अपने सभी प्रवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास कर रही है। एनआरआर मित्रों के नेटवर्क ने भी राजस्थानी समुदाय को मदद देने का डेडिकेशन दिखाया है, जिन्हें तुर्की और सीरिया में मदद की जरूरत है।