India News (इंडिया न्यूज़) Rajasthan Election 2023: हमारे देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं। राजस्थान में कई ऐसे इलाके हैं जहां विकास हुआ है लेकिन इस बीच आज भी कुछ ऐसी जगह हैं जहां के लोग विकास की व्यवस्था से वंचित हैं। हम बात करने जा रहे हैं बाड़मेर में सरहदों से लगे गांवों की जहां लोग आज भी ऊंट पर सवार होकर वोट डालने जाते हैं या तो फिर ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ता है। जिसमें सुंदरा, रोहिड़ी, बिजावल, द्राभा, खबड़ाला, रतरेड़ी कला, बंधड़ा, रोहिड़ाला ग्राम पंचायत ऐसी जगह शामिल है। कभी-कभी तो लोगों को वोट डालने के लिए पैदल भी चलना पड़ता है।
अगर यहां कि विकास व्यवस्था की बात करें तो कुछ ही गावों को ग्रेवल सड़कों से जोड़ा गया है। जिसके बाद से यहां के लोगों को आने-जाने में सुविधा मिली है। इस बीच कई ऐसे गांव हैं जहां आधी अधूरी ग्रेवल सड़कें हैं, जिनको पूरा होने में अभी काफी वक्त लगेगा। इस दौरान सिरगुवाला के रहने वाले भूरसिंह सोढा ने बताया कि नेता सिर्फ वोट लेने के वक्त यहां आते हैं और सड़क बनवाने का वादा करके चले जाते हैं। इसलिए आज तक गांव में विकास नही पहुंचा है।
इस बीच गड़स ग्राम पंचायत के बिजावल गांव के रहने वाले गेन सिंह सोढा ने कहा कि हमारे गांव तक पहुंचने के लिए आज भी लोगों को ऊंट और ट्रैकटर का सहारा लेना पड़ता है। साथ ही वोट देने के लिए पोलिंग बूथ तक पैदल या ऊंटो पर जाना हमारी मजबूरी है। जिस वजह से आज भी कई लोग मतदान करने नही जाते हैं। तो वहीं दूसरी तरफ ग्राम पंचायत झणकली के मांगीदान चारण ने भी कहा कि झणकली से ऊनरोड़, झणकली से जानसिंह की बेरी, दूधोड़ा, बालेबा, भाडली, नीमली जाने के लिए अभी भी ऊंटों या टेक्ट्रर का सहारा लेना पड़ता है। कुछ जगह सड़के बनी थी लेकिन वो या तो रेत में दब गई या बरसात में टूट कर बिखर गई।
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