India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Election 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार विधानसभा चुनाव से 2 महीने पहले ही टिकट तय करने की अपील की है। उनका कहना है कि कई मौजूदा विधायक इस बार विधानसभा चुनाव हार रहे हैं। सीएम गहलोत ने यूथ कांग्रेस की बैठक में कहा कि “हमारे कुछ विधायक खुद ही कहते हैं कि मैं नहीं जीत पा रहा हूं”। हम से हम पूछेंगे कि आप किसको मौका देना चाहते हो। इतने वाले उम्मीदवार को ही टिकट देकर हम चुनाव जीतेंगे।
कांग्रेस कर्नाटक में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद राजस्थान में भी जीत के लिए नए फार्मूले करने का सोच रही है। राजस्थान में महज चंद महीनों में ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस बार करीब 2 महीने पहले ही 100 से ज्यादा प्रत्याशियों के नाम तय कर लिए जाएंगे। सीएम अशोक गहलोत ने पिछले दिनों जयपुर में यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में यह संकेत दे चुके हैं।
सीएम गहलोत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लास्ट समय में भी टिकट दिए जाने की परंपरा रुकनी चाहिए। पार्टी दो महीने पहले ही टिकट तय कर दे जिससे प्रत्याशी जोर-शोर से चुनाव के प्रचार प्रसार में जुट जाए। अगर कोई भी नेता अंतिम समय में टिकट के लिए दिल्ली में संघर्ष करता है, तो वह बहुत थक जाता है। भला थका हुआ नेता कैसे अपने क्षेत्र में प्रचार प्रसार कर पाएगा।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को यह बात कह दी है इस बात को आगे बढ़ाएं जिससे कि पार्टी के नेता ज्यादा मेहनत से काम कर सके। गहलोत ने कहा कि 2 महीने पहले टिकट फाइनल होने का सिस्टम बन जाना चाहिए। इसी फार्मूले की वजह से कांग्रेस ने कर्नाटक में भी अपनी बढ़त बनाई है। कर्नाटक में 10 मई को मतदान हुआ। लेकिन पार्टी ने 17 मार्च को ही पहली सूची जारी कर दी थी। जिससे कि कांग्रेस को बड़ा लाभ मिला और मैजिक फिगर के आंकड़े को छूते हुए भाजपा से आगे निकल गई।
वही राजनीतिक लोगों का मानना है कि विधानसभा इलाके में घोषित नाम पर अगर किसी भी प्रकार की बगावत होती है तो उसको दूर करने के लिए काफी समय भी मिल जाता है। यही वजह है कि वक्त रहते हुए इस तरह के बगावती तेवर दिखाने वालों को साधा जा सके जिसके लिए काफी समय मिल जाता है।
सीएम गहलोत ने कहा कि अगर हमें फिर से चुनाव जीतकर सत्ता में आना है तो जीतने वाले नेता को ही टिकट देना होगा। पार्टी की तरफ से अलग-अलग एजेंसियों के द्वारा सर्वे कराया जाता है। सर्वे के मुताबिक पता चलता है कि किस क्षेत्र में कौन चुनाव जीत सकता है।
संसदीय बोर्ड जब टिकट तय करने के लिए बैठक करता है, तो सिर्फ जिताऊ नेता को ही टिकट दिया जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। सीएम गहलोत ने कहा कि कई बार युवा नेता संसदीय बोर्ड के सामने अचानक जीतने की दावेदारी करते हैं। लेकिन टिकट ना मिल पाने की वजह से नाराज हो जाते हैं। इससे अच्छा होगा कि युवा नेताओं को फील्ड में उतरकर अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। जिससे कि सर्वे होते समय उनका नाम भी जिताऊ नेताओं के पैनल में आ सके। क्योंकि नेट नेता को टिकट मांगने पर कई बार विरोध का सामना भी करना पड़ता है।
सीएम अशोक गहलोत यही चाहते हैं कि इस बार भी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट हो। वहीं गहलोत ने कहा कि यूथ के यूथ कांग्रेस के नेताओं को अभी से कोशिश शुरू कर देनी चाहिए। चुनाव में जब टिकट तय करने बोर्ड बैठता है तो अध्यक्ष भी पर्ची भेजते हैं मैं इसके खिलाफ हूं।
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