India News (इंडिया न्यूज़), Rajasthan: राजस्थान में प्राण प्रतिष्ठा के दिन दिवाली मनाई जाएगी। जिसके तहत राजस्थान सरकार द्वारा पटाखों के लाइसेंस जारी किए गए है। जिससे दुकानदारों को किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। ऐसे में यहां दिवाली के त्योहार के जैसा पटाखों का बाजार लगने वाला है।
22 जनवरी की तैयारी में पूरा शहर लगा हुआ है। 22 जनवरी को पूरे देश में दिवाली मनाने की तैयारी हो रही है। वहीं, जनता की डिमांड को मद्देनजर रखते हुए सरकार द्वारा भी पटाखों के लाइसेंस जारी करें गए हैं। 18 जनवरी से 23 जनवरी तक पटाखों की दुकानें फिर से खुल गई है। भरतपुर, धौलपुर, सीकर के साथ-साथ कई जिले ऐसे हैं जहां साल भर पटाखे बनाने का काम चलता रहता है। उन कारीगरों को पटाखें बनाने से फुर्सत नहीं मिलती। रात-दिन उनका काम चलता रहता है। साथ ही शिवकाशी से भी पटाखों के ऑर्डर दिए गए हैं। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि दिवाली त्योहार के बाद प्रशासन इतने बड़े स्तर पर पटाखों के लाइसेंस जारी कर रही है।
दरअसल राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर जैसे शहरों में ही पटाखों की स्थायी दुकानें हैं जिनके पास बारह महीनों के लिए लाइसेंस हैं। लेकिन इनकी संख्या बीस से ज्यादा नहीं हैं। ऐसे में हर साल दिवाली पर पंद्रह दिन के लिए पटाखों की दुकान खोलने के लिए लाइसेंस सरकार अपनी शर्तों पर देती है। इस बार रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लाइसेंस दिए जा रहे हैं। 18 से लेकर 23 जनवरी तक लाइसेंस दिए गए हैं।
बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में दो हजार से ज्यादा दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। ऐसे में करीब अस्सी फीसदी लोगों को पटाखें की दुकान के लिए लाइसेंस दिया गया है। करीब पंद्रह सौ से भी ज्यादा लोगों को पटाखें की दुकानें लगाने के लिए योग्य माना गया है। हर दुकान पर करीब पांच लाख रुपए का औसत माल रखा जा रहा है। पूरे माल का औसत लगाया जाए तो राजस्थान में करीब अस्सी करोड़ रुपयों के पटाखों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठ महोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है।
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