India News (इंडिया न्यूज़),Rajasthan Congress: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे राज्य में घमासान मचा हुआ है। जिसको लेकर अलग-अलग पार्टी तो क्या कांग्रेस सरकार आपस में ही अपना विवाद सुलझा नही पा रही। आपको बता दें कि कि हाल ही में राज्य के उपमपख्यमंत्री ,सचिन पायलट ने पूर्व राज्य सरकार वसुंधरा राजे के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दिन के लिए धरना प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सचिन पायलट की अंतिम चेतावनी के बाद भी प्रदेश सरकार ने कोई विचार विमर्श नही किया। बता दें कि पायलट ने धरना प्रदर्शन के बाद कहा था कि अगर कोई सुनवाई नही होती है तो, वह इसके बाद कोई बड़ा फैसला लेंगे। इन सब घमासान के बाद अब राजस्थान कांग्रेस को लेकर दिल्ली में बड़ी बैठकों का दौर जारी है।
इस चुनावी साल में कांग्रेस आलाकमान कोई भी बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहता है। लिहाजा ऐसे में कांग्रेस चुनाव में कूदने से पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट समेत राजस्थान के बड़े मामलो को भी सुलझा लेना चाहती है, ताकि चुनाव में कोई अर्चन पैदा ना हो। बता दें कि इसी कड़ी में दिल्ली में कल से मंथन का दौर शुरू हो गया है।
23 और 24 मई को दिल्ली में अहम बैठक हुई, जिसमें अगले दो दिन राजस्थान को लेकर कांग्रेस में महत्वपूर्ण मंथन हुआ और कई बड़ा फैसले भी लिए गए। आपको बताते चले कि मंगलवार, 23 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी और सुखजिंदर रंधावा की बैठक हुई। लिहाजा ऐसे में राजस्थान के मुद्दों पर रंधावा डे – टु- दे रिपोर्ट दे रहे है। प्रभारी रंधावा सोमवार, 22 मई को मंडरायाल से सीधे दिल्ली गए। इससे पहले रविवार, 21 मई को ही रंधावा दिल्ली जाने वाले थे, लेकिन रमेश मीणा के कार्यक्रम के लिए रुके।
चुनाव को लेकर कांग्रेस सक्रिय है, बता दें कि 23 मई को आलाकमान के साथ रंधावा की बैठक हुई थी, इसके बाद 24 मई को इलेक्शन स्टेट के प्रभारी और पीसीसी चीफ की दिल्ली में बैठक हुई थी। इसी कड़ी में मंगलवार, 23 मई की बैठक में प्रदेश के मुद्दों और हालात पर चर्चा हुई थी। सचिन पायलट को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई है। इन्हीं बैठकों के लिए पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा भी दिल्ली गए थे।
इस दिल्ली बैठक में राजस्थान के अलावा बाकी चुनावी राज्यों के प्रभारी और पीसीसी चीफ भी शामिल हुए थे। कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस तीसरे आसमान पर है और अब इस साल होने वाले चार राज्यों के आगामी चुनाव में जुट गई है। लिहाजा ऐसे में दो दिन दिल्ली में बैठकों का दौर चलेगा। जिसमें चुनाव को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।