(जयपुर): गुजरात चुनाव में बंपर जीत के बाद भाजपा अब अगले चुनावों की तैयारी में जुट गई हैं। गुजरात में जो फॉर्मूला उपयोग किया गया था वह अब राजस्थान में भी उपयोग किया जाएगा। गुजरात में भाजपा ने रिकॉर्ड तोड़ जीत अर्जित करी थी। कल ही भूपेंद्र पटेल ने मुख्यमंत्री पद की शपत ली थी। राजस्थान में भी भाजपा गुजरात जैसा खेला करना चाहती हैं।
भाजपा ने 2023 में होने वाले 6 राज्यों के विधानसभा चुनावों की तैयारी चालू कर दी हैं। गुजरात के चुनावों में भाजपा ने बहुत से नए चेहरों को टिकट दिया था और कई पुराने चेहरे जिनका काम उपेक्षा से कम रहा एवम वो चेहरे जो 10000 वोटों से हारे थे उन्हे इस बारी टिकट नहीं दिया गया था।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट में पिछले सीएम विजय रुपाणी के मंत्रिमंडल से बस 3 लोगों को वापिस रिपीट किया गया था। यही फॉर्मूला भाजपा राजस्थान में करना चाहती हैं। भाजपा ने यह साफ कर दिया है कि राजस्थान में भी कोई भी नेता मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होगा। चुनाव में प्रचार का चेहरा पीएम मोदी ही होंगे। उन सभी लोगों का टिकट कट सकता हैं जो 10 हज़ार से 20 हज़ार वोटों से हारे थे जिसमे भाजपा राजस्थान के कई बड़े नेता शामिल है।
अपको बता दे, भाजपा राजस्थान में ऐसे कई नेता है जो मुख्यमंत्री पद की दावेदारी रखते हैं ऐसे में बड़े नेताओं की टिकट काटना कही भाजपा को महंगा न पद जाए क्योंकि गुजरात जैसी स्तिथि राजस्थान में नहीं हैं। गुजरात में नरेंद्र मोदी सब कुछ है लेकिन राजस्थान में भाजपा को संघठन नियंत्रण करता है।
संग राजस्थान भाजपा के कई फैसलों में दबदबा रखता हैं। ऐसे में टिकट वितरण के समय संघ की मौजूदगी होना लाज़मी है और हो सकता है की कई बड़े नेता खफा भी हो जाए जैसे भाजपा के साथ हिमाचल के चुनावों में हुआ था।
भाजपा अभी राजस्थान में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में “जन आक्रोश यात्रा” निकाल रहीं है लेकिन इसका कोई असर दिख नहीं रहा हैं। भाजपा का टारगेट राजस्थान के युवा है क्योंकि प्रदेश के 50% से अधिक वोटर्स युवा है।
2023 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा और कांग्रेस अभी से लग चुकी है क्योंकि हिमाचल की तरह यह भी हर बार सत्ता पलटने का रिवाज़ हैं जो की इस बार भी पलटेगी की नहीं यह तो आने वाले चुनाव ही बताएंगे।