India News (इंडिया न्यूज़)Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल,7 मई को धौलपुर जिले के मुरैना पहुंचे, यहां उन्होंने महंगाई राहत शिविर का अवलोकन करने के साथ-साथ पूर्व सीएम और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे को कांग्रएस सरकार के लिए ‘संकट मोचक’ बताया। उन्होंने महंगाई शिविरों के बारे में विस्तार से सभी को जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर कहा की राजस्थान के लोगों को महंगाई से निजात दिलाने के लिए ये शिविर लगाए जा रहे हैं। जब तक अंतिम व्यक्ति को लाभ नहीं मिल जाता शिविर लगते रहेंगे। उन्होंने धौलपुर जिले के लाभार्थी रजिस्ट्रेशन में दूसरे पायदान पर पहुंचने पर बधाई दी और आगे कहा कि इन शिविरों की खासियत है कि व्यक्ति कहीं भी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है, यह जरूरी नहीं कि वह घर के नजदीक शिविर में ही रजिस्ट्रेशन कराए। उन्होंने इन शिविरों के कई लाभों से लोगों को रूबरू कराया। इस बीच अशोक गहलोत ने दावा किया कि 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के वक्त वसुंधरा राजे और बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल ने उनकी सरकार बचाई थी। गहलोत के इस दावे के बाद राज्य में सियासी में उथल-पुथल मची है।
दरअसल, कांग्रेस नेता सचिन पायलट के नेतृत्व में जुलाई 2020 में कांग्रेस के 18 विधायकों ने बगावत कर दी थी। पार्टी हाईकमान के दखल के बाद एक महीने तक चला ये सियासी ड्रामा खत्म हुआ था। इसके बाद पायलट को डिप्टी सीएम पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। अशोक गहलोत धौलपुर के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा, ”जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश का समर्थन करने से इनकार कर दिया था। इसी तरह 2020 की बगावत के वक्त वसुंधरा राजे और मेघवाल ने कहा था, राजस्थान में चुनी हुई सरकार गिराने की कोई परंपरा नहीं है।” कैलाश मेघवाल बीजेपी के मौजूदा विधायक हैं, वे स्पीकर भी रहे हैं।
अशोक गहलोत ने आगे कहा, “मैं चाहता तो भैरों सिंह जी की सरकार गिरा सकता था। मैंने कहा कि यह अनैतिक काम है। जो आदमी बीमार है, वह अमेरिका में इलाज करवा रहा है, उसकी हालत बहुत गंभीर थी और उनकी पार्टी के नेता उनके पीछे ही उनकी सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे।” गहलोत ने कहा, ”कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे ने भी ऐसा ही किया। उन्होंने कहा कि धन बल पर चुनी हुई सरकारों को गिराने की हमारी कभी परंपरा नहीं रही।।। क्या गलत किया उन्होंने?” गहलोत ने दावा किया, राजे और मेघवाल ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी कि उन्हें उन लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए। यही वजह है कि हमारी सरकार बच गई। मैं इस घटना को कभी नहीं भूलूंगा। गहलोत ने विधायक शोभारानी कुशवाह की भी तारीफ की, जिन्होंने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के विरोध में जाकर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए यह भी आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह, गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने मिलकर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची।उन्होंने दावा किया, “उन्होंने राजस्थान में पैसा बांटा और वे अब पैसे वापस नहीं ले रहे हैं। मुझे आश्चर्य है कि वे उनसे (बागी कांग्रेस विधायकों) पैसे वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं?” उन्होंने कहा, बीजेपी के लोग तीन राज्यों में सरकार गिरा चुके हैं। मैंने अपने विधायकों से कहा कि अमित शाह से 10-15 करोड़ लेने वाले हमारे विधायक पैसा वापस लौटाएं। मैंने तो उनसे यहां तक कहा कि अगर मिले पैसों में दो करोड़ रुपये खर्च भी कर दिए हों, तो मैं AICC से दिलवा दूंगा।
वसुंधरा राजे ने अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। वसुंधरा राजे ने कहा, गहलोत ने उन गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाए, जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्वविदित है।
वसुंधरा राजे ने आगे कहा, रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया तो एफआईआर दर्ज करवाएं। सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बगावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाएं हैं। पूर्व सीएम ने कहा, जहां तक विधायकों की खरीद फरोख्त की बात है, तो इसके महारथी तो स्वयं अशोक गहलोत हैं। इन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था। उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को। उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे,पर यह भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ था। इसके विपरीत गहलोत ने अपने लेन देन के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दोनो समय सरकार बनाई थी। उन्होंने कहा, गहलोत द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे खिलाफ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है। मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता। वे 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहें है, जो दुर्भाग्य पूर्ण है पर उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा, नंबर एक के झूठे हैं गहलोत! इतने ही सच्चे हैं तो करोड़ों लेने वालों पर केस क्यों नहीं दर्ज कराया अब तक? ये कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है जिसे जीतने के लिए गहलोत जी हर नाजायज तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं। वे अपने विरोधी खेमे को गद्दार साबित करना चाहते हैं।
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