(जयपुर): डूंगरपुर. राजस्थान के डूंगरपुर में वर्ष 1959 में बने म्यूजियम में एंटीक कलेक्शन का बड़ा संग्रह है. नए हॉस्पिटल रोड पर संचालित राजमाता देवेंद्र कुंवर म्यूजियम अपने एंटीक कलेक्शन के लिए जाना जाता है. यहां एक ऐसी कृति है जो अपने आप में अनूठी है. म्यूजियम में डाक टिकट और लिफाफे से बना एम कुतुब मीनार है, जो यहां आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. हालांकि, म्यूजियम में मूर्तियां, शिलालेख, धातु की प्रतिमाएं और आदिवासी संस्कृति से जुड़ी हुई अन्य एंटीक सामग्री भी है.
जानकारी के अनुसार डूंगरपुर राजपरिवार से जुड़े महारावल डॉ. नरेंद्र सिंह ने यह कुतुब मीनार बनाया था. उन्हें एंटीक डिजाइन बनाने का शौक था. इसी तरह उन्होंने डाक टिकट व अन्य टिकटों से कुतुब मीनार की यह कृति बनाई. बाद में इस कुतुब मिनार को म्यूजियम में दे दिया गया. दूर से देखने पर यह बिल्कुल कुतुब मीनार जैसा दिखता हैं.
अपको बता दे कि म्यूजियम में प्राचीन काल की कई सारी मूर्तियां हैं. म्यूजियम में छठी व सातवीं शताब्दी की अमझेरा गांव में निकली वीणा धार शिव की मूर्ति, गणेश की मूर्ति, छठवीं सातवीं शताब्दी में नवल श्याम गांव की कौमारी की मूर्ति जैसी अनोखी मूर्तियां हैं. इसके अलावा भी म्यूजियम में अनोखी व अनूठी वस्तुओं का संग्रह है.
संग्रहालय के व्यवस्थापक महेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि म्यूजियम देखने के लिए विदेशी पर्यटक के लिए 100 रुपया टिकट, विदेशी स्टूडेंट के लिए 50 रुपया, भारतीय के लिए 20 रुपया और भारतीय स्टूडेंट के लिए 10 रुपए की टिकिट लगती हैं. म्यूजियम को देखने का समय सुबह 9.45 से लेकर शाम की 5.15 तक रहता हैं. वहीं, राजस्थान दिवस पर पर्यटकों फ़्री में एंट्री दी जाती हैं.