India News (इंडिया न्यूज़), RAJASTHAN: राजस्थान के शाहपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के लाठियों का खेड़ा ग्राम में दलित दुल्हे को घोड़ी से उतारने के विवाद मामले में एक नया मोड़ आ गया है। एक तरफ जहां दुल्हे रमन बैरवा ने गांव के 27 जनों के खिलाफ घोड़ी से उतारने व मारपीट करने तथा जातिगत सूचक शब्दों से स्वयं व परिजनों को अपमानित करने का मामला दर्ज कराया।
वहीं, दूसरी तरफ इस मामले में नया मोड़ उस समय आ गया जब ग्रामीणों की सूचना पर दुल्हे के उम्र की जांच में उसकी उम्र 20 वर्ष ही पायी गयी।
संविधान के अनुसार विवाह योग्य युवक की उम्र 21 वर्ष होना अनिवार्य है। इस पर शाहपुरा एसडीओ पुनित कुमार गेलड़ा के निर्देश पर शाहपुरा के नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह, ढीकोला के नायब तहसीलदार व फुलियाकलां एसएचओ दलपतसिंह की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर खामोर में दुल्हे की उम्र कम होने पर उसके विवाह को रूकवाया तथा बारात को वहां से रवाना कर दिया। एसडीओ गेलड़ा ने बताया कि पुलिस व तहसील प्रशासन से दुल्हे के उम्र की जांच करायी गयी।
उम्र 20 वर्ष ही पाये जाने पर जो विवाह योग्य युवक की उम्र से कम होने पर टीम का गठन कर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मौके पर पहुंच कर दुल्हे व उसके पिता को पाबंद कराया गया। इस टीम ने बारात को भी खामोर से बिना विवाह के रवाना कर दिया। बाद में दुल्हन आशा बैरवा व उसके पिता घनश्याम को पाबंद कराया कि दुल्हे की उम्र 21 वर्ष होने तक विवाह नही करेगें। जांच में दुल्हन 21 वर्ष की पायी गयी।
एसडीओ के निर्देश पर सोमवार को यह टीम पहले दुल्हे रमन बैरवा के गांव लाठियों का खेड़ा गांव गयी थी पर वहां से बारात के रवाना होने पर टीम बाद में खामोर में पंहुची। वहां दोनो पक्षों को पाबंद करने की कार्रवाई की गई। वही दलित दूल्हे की बिंदोरी विवाद मामले में 27 जनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सीआई राजकुमार नायक ने बताया कि आरोपी कालू राम जाट, पप्पू जाट व नारायण जाट जो लाठियों का खेड़ा गांव के ही निवासी हैं जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। वहीं, अन्य आरोपियों की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है।