इंडिया न्यूज, अजमेर:
Rajasthan 13 Year Old Calligraphy Teacher Gauri : हम सब जिस उम्र में अच्छे से पेंसिल पकड़ कर लिखना शुरू करते हैं। उसी उम्र में राजस्थान के अजमेर में रहने वाली 13 साल की गौरी अपनी कैलीग्राफी कला का लोहा दुनियाभर में मनवा रही है। यह नहीं गौरी दुनिया भर में लगभग 1500 लोगों को कैलीग्राफी की ट्रैनिंग दे चुकी है।\
इनमें बच्चे से लेकर जवान तक सब शामिल है। वहीं इस कला के चलते गौरी को इस साल ही भारतीय पीएम ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी नवाजा। यही नहीं पुरस्कारों के साथ ही गौरी ने अपना नाम दुनिया की कई रिकॉर्ड बुक में भी दर्ज करवा रखा है।
गौरी ने छोटी उम्र में ही कैलीग्राफी सीखना शुरू कर दिया था। और अब इस कला में गौरी ने इतनी महारत हासिल कर ली है कि वह 15 साल की आयु में इस कला की टीचर बन गई है। गौरी अब तक दुनियाभर के लगभग 1500 लोगों को कैलीग्राफी की ट्रैनिंग दे चुकी है। और इसी के चलते उन्हें इस साल राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
गौरी के परिवार वालों का कहना कि गौरी को बचपन से कला इस कला में रुची है। गौरी ने जयपुर में शिक्षक मेलबेन केसटलिनो से कैलीग्राफी सीखी थी। और इसके बाद गौरी ने इस क्षेत्र में कभी वापिस मुड़कर नहीं देखा। इसी के चलते आज दुनियाभर के लोगा गौरी से कैलीग्राफी की ट्रैनिंग ले रहे हैं।
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