इंडिया न्यूज, जयपुर:
Rajasthan : राजस्थान में जहां एक ओर तेज गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ गर्मी के कारण बिजली की खपत भी ज्यादा होने लगी है। लेकिन कोयला संकट(Coal Crisis) होने के कारण अब राजस्थान(Rajasthan) में बिजली संकट(Power Crisis) भी शुरु होने लगा है। वहीं अब प्रदेश के लोगों को पर गर्मी और बिजली कटौती(Power Cut) की मार पड़ने वाली है। गर्मी के कारण बिजली की बढ़ती मांग को देख कर प्रदेश सरकार ने राज्य में बिजली कटौती का फैसला लिया है।
माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों पर देखने को मिल सकता है। हालांकि कटौती कितने घंटे इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन ऐसा सामने आया है कि ग्रामीण इलको में दिन में 4 घंटे और शहरों में डेढ़ घंटे तक बिजली कटौती की जा सकती है। हालांकि संभागीय जिला मुख्यालयों को कटौती से दूर रखा है। वहीं इनके अलावा हॉस्पिटल, पेयजल आपूर्ती स्टेशन व मिलिट्री इन्स्टालेशन सेंटर्स पर यह कटौती नहीं की जाएगी।
ऊर्जा विभाग के अनुसार इस साल पिछले साल की तुलना में इस बार बिजली की मांग करीब 31 फीसदी से ज्याद बढ़ गई है। जहां पिछले साल अप्रैल के माह में बिजली की मांग प्रतिदिन करीब 2131 लाख यूनिट थी, जो इस साल बढ़कर 2800 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। इस बढ़ती बिजली की मांग से एनर्जी एक्सचेंज से लेकर अन्य स्त्रोत भी महंगे दामों में बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में बिजली कटौती जरूरी हो गई। इसलिए यह बिजली कटौती का फैसला लिया गया है।
प्रदेश में बिजली संकट का कारण पिछले लम्बे समय से कोयले की आपूर्ति न हो पाना बताया जा रहा है। कोयले की आपूर्ति ना होने से प्रदेश में बिजली उत्पाद पर असर पड़ रहा है। यह असर इतना बढ़ गया है कि राज्य में बिजली संकट शुरु हो गया है।
प्रदेश में कोयला आपूर्ति न होने के कारण मौजूद थर्मल पावर स्टेशन अपनी क्षमना के अनुसार उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। वर्तमान की बात करें तो राज्य में मौजूदा यूनिट्स की उत्पादन क्षमता 10 हजार 110 मेगावाट की है। लेकिन वर्ततान में लगभग 6 हजार 600 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है।
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