India News(इंडिया न्यूज़), Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मामले पर मंगलवार (21 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर कुछ किसान लोगों की परवाह किए बिना पराली जला रहे हैं तो सरकार सख्त कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आपको उन किसानों से अनाज नहीं खरीदना चाहिए जो पराली जलाते हैं। कानून तोड़ने वालों को लाभ क्यों मिलना चाहिए? शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि हालांकि यह भी सच है कि जब दूसरे राज्यों का अनाज पंजाब में एमएसपी पर बेचा जा सकता है तो एक किसान का अनाज दूसरा किसान क्यों नहीं बेच सकता? तो शायद ये समाधान नहीं होगा।
कोर्ट ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील से पूछा कि आपने 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही थी। क्या जुर्माना सिर्फ लगाया जाता है या वसूला भी जाता है? अगली सुनवाई में रिकवरी के बारे में बताएं। हम यह भी जानना चाहते हैं कि आपने क्या एफआईआर दर्ज कराई है। क्या यह खेत के मालिक पर है या अज्ञात लोगों पर? पीठ ने कहा कि चूंकि एमएसपी न देने से कोई समाधान नहीं निकलेगा तो क्या पराली जलाने वालों को धान की खेती करने से रोका जा सकता है? जब हम धान की रोपाई नहीं कर पाएंगे तो पराली जलाना भी बंद कर देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार में अगर लोग हाथ से फसल काटते हैं तो पराली की कोई समस्या नहीं है। पंजाब में भी कई छोटे किसान पराली जलाने के बजाय उसे बेच रहे हैं। बड़े किसानों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। उन्हें भी लाभ मिलेगा। राज्य सरकार को आवश्यक मशीनें उपलब्ध करानी चाहिए।
पीठ ने कहा कि यूपी और हरियाणा सरकारें किसानों को यह मशीन किराये पर मुहैया करा रही हैं। पंजाब को भी ऐसा करना चाहिए। पंजाब में पराली जलाने के जितने मामले हैं, उनमें से सिर्फ 20 फीसदी पर ही जुर्माना लगाया गया है। वह भी बरामद नहीं हुआ है। अगली सुनवाई तक हमें रिकवरी पर रिपोर्ट दी जाए। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
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