India News (इंडिया न्यूज),Jaipur News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का समय पास है। इसलिए सभी राजनीति पार्टियां अपने पूरी जी तोड़ से काम में लगी है। ऐसे में अब एक बार फिर से प्रमुख जातियों को लुभाने का काम शुरू हो गया है। बीजेपी भले ही जातियों की बात न करें लेकिन उसे भी राजस्थान में अब जातिगत समीकरण बैठाने पड़ रहे हैं। इसके पीछे कई बातें हैं। मगर जिस तरीके से पिछले दिनों राजस्थान में जातिगत सम्मेलन हुए हैं, यह अब उसके असर पर भी चिंता की बात है। बीजेपी ने चुनाव से पहले जातिगत समीकरणों को साधने पर अपना पूरा ध्यान लगा दिया है। लेकिन आपको बता दें कि इस बार राजस्थान के चुनाव में ‘कास्ट किंग’ लीडर्स की चर्चा तेज हो पही है। ऐसी कई जातियां हैं, जिनके लीडर्स की यहां अच्छी खासी पकड़ बताई जाती है। तो आइये जानते हैं कि बीजेपी में कौन हैं बड़े कास्ट किंग लीडर्स, जिन्हें पार्टी जातियों में जीत का एक जाना-माना चेहरा बताया जा रहा है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने शेखवाटी के तीन जिलों चूरू,सीकर और झुंझुनू के अलावा जयपुर और अन्य जिलों के क्षत्रिय वोटर्स को साधने के लिए राजेंद्र राठौड़ को चुनाव से ठीक आठ महीने पहले प्रमोशन दे दिया। बीजेपी ने उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष से सीधा नेता प्रतिपक्ष का पद दे दिया। राजेंद्र राठौड़ वैसे तो राजस्थान में मंत्री और कई पदों पर अपना अच्छा खासा योगदान दे चुके है। लेकिन उनके प्रभाव को और बड़ा करने के लिए बीजेपी ने उन्हे महत्वपूर्ण तरजीह दी गई। बता दें कि बीजेपी क्षत्रिय बाहुल्य सीटों को अपना मानती है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने जातिगत समीकरण को साधने के लिए प्रदेश अध्यक्ष को चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी को यह काम सौंप दिया। इसे ब्राह्मण महापंचायत में जोशी को एक बड़ा महत्वपूर्ण चेहरा माना जा रहा है। बता दें कि सीपी जोशी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने जब सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, तब उन्हें प्रदेश में खुलकर काम करने का मौका मिला। लेकिन यहीं से पूनिया ने आमेर विधानसभा क्षेत्र से बाहर अपनी पहचान बनाई। जाट समाज को साधने के लिए बीजेपी ने सतीश पूनियां को सौपां यब कार्य।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने गुर्जर समाज को साधने के लिए गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला के साहरे बीजेपी गुर्जर और एमबीसी समाज को साधने में जुटी है। बता दें कि विजय बैंसला कर्नल किरोड़ी बैंसला के बेटे हैं। पूर्वी राजस्थान में बीजेपी गुर्जर और एमबीसी समाज को विजय के नाम पर अपनी ओर करने का प्रयास कर रही है। प्रदेश की कुल 75 विधानसभा सीटों पर एमबीसी और गुर्जर समाज का प्रभाव है। इन पर बीजेपी विजय बैंसला को आगे बढ़ा रही है। ये वो सीटें हैं जहां पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का प्रभाव था।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सैनी समाज को लुभाने के लिए बीजेपी नेता भूपेंद्र सैनी को सौपी यह जिम्मेदारी। इन्हे पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 42 सीटों पर प्रचार के लिए मैदान में उतारा गया था। वसुंधरा सरकार में इन्हे यूथ बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। यह सैनी भाजयुमो में महामंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने करौली लोकसभा सीट के लिए इन्हे प्रभारी रहते हुए उन्हे वहां पार्टी को जीत भी मिली थी।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मुस्लिम सीटों पर कई नेताओं को आगे करती है। लेकिन पूर्व मंत्री यूनुस खान और अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सादिक खान को मजबूत माना जा रहा है। कई धरने और आंदोलन में इनकी प्रमुख भूमिका रही है। इनके साथ ही कई और नेता भी लिस्ट में शामिल हैं। उनके लिए पार्टी को ठीक समय का इंतजार है
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अलावा के लोगों को लुभाने के लिए डॉ किरोड़ी लाल मीणा को चुना है। बता दें कि मीणा वोटर्स पर फोकस करने के लिए बीजेपी केवल और केवल डॉ किरोड़ी लाल मीणा के सहारे है।पूर्वी राजस्थान की सीटों के अलावा पूरे राजस्थान में किरोड़ी लाल मीणा को पार्टी मजबूत मानती है।उन्हें पीएम के मंच से लेकर सभी प्रमुख जगहों पर पार्टी ले जाती है।राज्य के सभी प्रमुख नेताओं में डॉ किरोड़ी लाल मीणा का प्रमुख स्थान है।उनकी नाराजगी और बातों पर पार्टी पूरा फोकस करती है।यहां लोग कह देते है ‘बाबा’ही सहारा हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने यादव बाहुल्य को अपनी ओर करने के लिए बाबा बालक नाथ को चुना। राजस्थान में यादव बाहुल्य सीटों और जिलों में बीजेपी ने अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को मजबूत पकड़ बनाने के लिए कई बार संकेत दिए हैं।बाबा बालक नाथ अलवर का बहरोड़ सीट पर पूरा फोकस है।इसके साथ ही सीकर, अलवर, कोटपूतली और विराटनगर के साथ ही साथ जयपुर की सीटों पर बाबा बालक नाथ के दौरे शुरू हो गए हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वैश्य समाज को लुभाने के लिए ओम बिड़ला को चुना। राजस्थान में वैश्य वोटर्स पर बीजेपी अपनी पकड़ बनाने के लिए कोटा के दो बार के सांसद ओम बिड़ला पर पूरा फोकस है।बीजेपी में बिड़ला का वैश्य समाज पर बड़ा असर है।हाड़ौती की कई सीटों के आलावा पूरे प्रदेश में बिड़ला कई बार दौरे भी अलग-अलग समय पर कर चुके हैं।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने मेघावल समाज को अपनी ओर करने के लिए अर्जुन राम मेघवाल को यह कार्य सौपा है। राजस्थान में मेघावल वोटर्स पर बीजेपी ने पकड़ बनाने के लिए बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल को दोनों बार मंत्री बनाया है।उन्हें कई प्रमुख जिम्मेदारी भी दी है। बीजेपी अर्जुन के सहारे मेघवाल वोटर्स पर अपनी बड़ी नजर बनाए हुए है।