कल्पना वशिष्ठ, जयपुर:
Political Appointment in Corporate Board In Rajasthan : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के 22 महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दांव खेला है। 44 निगम व बोर्डों में 57 बड़े नेताओं की नियुक्ति कर विरोधियों का मुँह बंद कर दिया। अपनी पार्टी के विरोधियों के साथ वर्तमान में भाजपा भी गहलोत को नहीं घेर पा रही। विधानसभा सदन में विपक्ष के पास मुद्दा नहीं बचा। रीट-2 रद्द करना भी बड़ा फैसला रहा। दिल्ली दरबार से भी गहलोत को फुल बटा फुल मिल रहे हैं। गौरतलब है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देश की राजनीति की उन चुनिन्दा नेताओं में से एक हैं, जिनकी तारीफ विपक्षी दलों में भी बेबाक होती है। (Political Appointment in Corporate Board In Rajasthan)
इन्दिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, राजीव गांधी, चन्द्रशेखर जैसे बड़े नेता सियासत में कट्टर विरोधी होने के बाबजूद एक दूसरे की अच्छाई पर सार्वजनिक रूप से बड़ाई करने से नहीं चूकते थे। अशोक गहलोत भी उन नेताओं में शुमार हैं, जिनका कुशल व्यवहार, अपनत्व, मददगार नीति, हर वर्ग का भला करने की सोच, द्वेषपूर्ण व्यवहार से दूर, साफ दिल, बड़ी राजनीतिक सोच विपक्षी नेताओं को भी झुका देता है। बड़ी बात ये भी है कि 36 बिरादरियों में उनका मजबूत स्थान है। राजस्थान ही नहीं बल्कि देश भर में उनके दिली प्रशसंकों की बड़ी फौज है। किसानों में भी नेता के रूप में उनका बड़ा सम्मान है।
किसान हित की बड़ी सोच रखने वाले चौधरी चरण सिंह, ताऊ देवीलाल,महेन्द्र सिंह टिकैत जैसे बड़े किसान नेताओं के बाद देश में अशोक गहलोत को किसान अपना बड़ा नेता मानते हैं। वे देश के किसान की खुशहाली में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। दूसरी तरफ एक नेता के रूप में उनकी सोच ‘गरीब को गणेश’ मान कर चलने की रही है। जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी अब सोनिया गांधी,राहुल गांधी न प्रियंका गांधी गरीब को लेकर गंभीर रहे हैं, वे हर योजना नीचे के तबके को देख कर बनवाते हैं। ये सोच अशोक गहलोत की नस नस में है। वे कभी किसी को निराश नहीं करते। (Political Appointment in Corporate Board In Rajasthan)
कुशल व्यवहार उनका गहना है। द्वेषपूर्ण व्यवहार से वे कोसों दूर रहते हैं। राजनीति में रहते हुए भी बदले की भावना गहलोत में दूर दूर तक नहीं रहती। यही कारण रहा कि हर बार मुख्यमंत्री रहते उन्होंने हर वर्ग के लिए दिल खोल कर काम किये। उनका कार्यकाल न केवल राजस्थान बल्कि देश भर में मिसाल है। आज भी दूसरे राज्य उनकी योजनाओं का अनुसरण करते हैं।
उनके हर कार्यकाल में बालक-बूढ़े, जवान सभी के लिए बेहतरीन योजनाओं का जन्म हुआ जो आज भी प्रगति पर है। उनके स्वभाव की अफसर भी मिसाल देते हैं, चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट, अपनत्व झलकता है। आज राजनीति में उनका मुकाम देश के टॉप टेन नेताओं में है। उनके राजनीतिक कद के आगे कोई भी पद छोटा है। पीढ़ियों से कांग्रेसी अशोक गहलोत कांग्रेस के उन वट वृक्षो में भी है जिनके नीचे लाखों कार्यकर्ता उम्मीद लिए हुए हैं।
कांग्रेस के लिए इनका समर्पण देखते ही बनता है। जहां तक राजस्थान की बात है, उनका कद बहुत विशालकाय है। जिलों में गांव-ढाणी तक उनके कट्टर समर्थकों की बड़ी फौज है। हर जाति वर्ग में उनके कट्टर समर्थक हैं। गहलोत की इसके पीछे कई खासियत है। वे अपने समर्थक को कभी निराश नहीं करते, देर रात को भी फोन उठता है। दु:ख दर्द में हमेशा साथ। जहां तक राजनीतिक सोच का सवाल है, सभी भली भांति जानते हैं।
मुख्यमंत्री रहते उन्होंने राज्य को विश्व पटल पर ला दिया। विकास की बात हो या निवेश की। ऐसे अनगिनत कारण है कि आज देश भर में अशोक गहलोत का नाम जोश खरोश से लिया जाता है। बहरहाल, वर्तमान देश की राजनीति में गहलोत कांग्रेस के स्तम्भ हैं। वे कांग्रेस की सोच को जन जन तक पहुंचाने में आज भी महत्ती भूमिका निभा रहे हैं। इन नियुक्तियों में उन्होंने कई ऐसे तीर चलाये जो विरोध का मौका नहीं दे रहे। मार्च में होने वाले राज्यसभा चुनाव पर भी उनकी पूरी पकड़ मानी जा रही है। (Political Appointment in Corporate Board In Rajasthan)
Also Read : IPL 2022 Mega Auction जाने क्या रहेगा क्रिकेट जगत के बडे नामों का बेस प्राइस