इंडिया न्यूज(who is janak singh gurjar): कहते हैं ना ‘कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती’ इस कहावत को सच कर दिया है राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले जनक सिंह गुर्जर ने। जिन्होंने बिना आँखे होते हुए जो कर दिखाया है उसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। जिन्होंने कड़ी मेहनत करके बिना आंखों के अब तक डिस्कस थ्रो और गोला फेंक प्रतियोगिता में तीन गोल्ड मेडल और तीन कांस्य पदक जीतकर जिले का ही नहीं बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन कर दिया है। जिसके चलते युवाओं में वह चर्चा का विषय बने हुए है।
भरतपुर जिले के खोहरी गांव में जनक सिंह गुर्जर रहने वाले हैं। उनकी कुछ समय पहले गांव में एक दुर्घटना में दोनों आंखें चली गईं थीं। वह बताते हैं कि मैंने हिम्मत नहीं हारी और जयपुर कोचिंग के लिए चला गया। वहां गोला फेंक प्रतियोगिता की प्रेक्टिस की और इस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल लेकर आया।
जनक सिंह गुर्जर ने बताया कि मेरी सफलता में कोच बालक सचिन सिंह और महावीर सैनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। कोच महावीर सैनी ने मुझे सुबह के साथ-साथ रातों में खूब मेहनत करवाई और सचिन तो आज भी 24 घंटे मेरे साथ रहते हैं। यहां तक कि मेरे खाने-पीने की व्यवस्था तक सचिन ने की है और मुझको आगे बढ़ने के लिए बहुत प्रोत्साहन दिया है। आगे बताते हुए जनक सिंह गुर्जर कहते हैं कि पैरा एसोशियन राजस्थान सचिव हिम्मत सिंह गुर्जर भी मेरे आदर्श रहे हैं। जिसके चलते मैं आज तक तीन गोल्ड मैडल जीत पाया हूं।
जनक सिंह गुर्जर अब तक डिस्कस थ्रो और गोला फेंक में तीन स्वर्ण पदक और तीन कांस्य पदक प्राप्त कर चुके हैं। जयपुर में आयोजित प्रतियोगिता में एक गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल, उड़ीसा भुवनेश्वर में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप प्रतियोगिता में एक कांस्य पदक और फिलहाल अलवर के इंद्रा गांधी स्टेडियम में आयोजित हुई पैरा सीनियर राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल अपने नाम करके आए हैं। फिलहाल जनक सिंह गुर्जर युवाओं के लिए एक प्रेरणा के स्रोत बन गए हैं।