India News (इंडिया न्यूज़),Jodhpur: ये कहावत तो सुनी होगी “शिद्दत से अगर किसी को चाहो तो सारी कायनात भी उन्हें मिलाने में लग जाती है।” जब इंसान को प्यार होता है, तो किसी भी हद तक गुजरने को तैयार हो जाता है। जी हां हम आुको ये बात इसलिए बता रहे है कि ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जोधपुर से आया है। यहां दो लोग प्यार में डूबे, भारत और पाकिस्तान की सीमा पार कर लिकाह किया। जोधपुर के दूल्हे मुजिम्मल खान और पाकिस्तान की दुल्हन उरुज फातिमा का निकाह कामयाब हो गया है।
बता दें कि 138 दिन बाद दुल्हन जोधपुर स्थित अपने ससुराल पहुंची तो परिवार वालों ने उसका जोरदार स्वागत किया। इतना ही नहीं सरहद पार फातिमा के घर भी जश्न का माहौल है। यानी इनके प्यार के बाद निकाह से दोनो परिवार में खुशी का माहौल है।
दरअसल, जिले में रहने वाले मुजिम्मल खान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाकिस्तान में रहने वाली एक लड़की से निकाह कर लिया। प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर की नौकरी करने वाले मुजिम्मल खान और पाकिस्तान की उरूज फातिमा का निकाह तो कर लिया, लेकिन समस्या अब भी थी। क्योंकि, दुल्हन पाकिस्तान में थी और दूल्हा भारत में रहता है। शादी के 138 दिन बाद दोनों के बीच की ये दूरी भी अब खत्म हो गई है। दुल्हन फातिमा अपने शौहर के घर जोधपुर आ गई है। जिससे दूल्हा-दुल्हन के परिवारों की खुशियां दुगनी हो गई हैं।
दूल्हे के दादा बाले खान ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार के यहां पाकिस्तान गए थे। जहां उनकी मुलाकात उरूज फातिमा से हुई थी। फातिमा रिश्ते में उनकी नातिन लगती है। रिश्तेदार के यहां रहने के दौरान फातिमा ने अपने नाना की जमकर सेवा की। बाले खान को फातिमा भाग गई और उन्होंने अपने पोते के लिए नातिन का रिश्ता पक्का कर लिया।
आपको बता दें कि परेशानी यह थी कि भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली “मुनाबाव खोखरापार” ट्रेन बंद हो गई। मुजिम्मल खान और उरूज फातिमा गरीब परिवार के होने के कारण फ्लाइट की टिकट नहीं खरीद सकते थे। परिवार इस बात को लेकर काफी परेशान था कि बरात पाकिस्तान से जोधपुर कैसे ले जाई जाए? बारात फ्लाइट से ले जाते तो ज्यादा खर्च आता। ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निकाह कराने का फैसला किया गया। जोकि सफल भी रहा। बता दें कि निकाह के बाद दुल्हन फातिमा ने भारत के वीजा लगाया। 138 दिन बाद वीजा मिलने पर फातिमा जोधपुर पहुंची।
दुल्हन फातिमा जोधपुर आने के बाद अपने ननिहाल भी गईं। दूल्हे के दादा वाले खान ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इस मदद के लिए पूरा श्रेय दिया है। उन्होंने कहा वीजा मिलने में 7-8 महीने का वक्त लग जाता है। इस दौरान कई जांचों से भी गुजरना पड़ता है। लेकिन, केंद्रीय मंत्री शेखावत से गुहार लगाई तो उनकी मदद से वीजा जल्द मिल गया।