(जयपुर): राजस्थान में अब राजकीय भर्तियों में आरक्षण संबंधित छूट प्रदान की जाएगी. ये छूट अति पिछड़ा वर्ग यानी OBC एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को दी जाएगी. दरअसल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई.
इस बैठक में आरक्षण समेत कई बड़े फैसले लिए गए. मंत्रिमंडल ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना या ERCP निगम को सुदृढ़ करने, नवीन राजस्थान स्टार्टअप नीति-2022 को मंजूरी और जैसलमेर में निवेश को बढ़ावा देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए.
महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने बताया कि मंत्रिमंडल ने राजस्थान समेकित बाल विकास (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 1998 में संशोधन किया है. इससे पर्यवेक्षक के पद पर अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी आरक्षित वर्ग के समान ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी.
मंत्री ने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से पर्यवेक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा में 10 वर्ष की छूट का प्रावधान है, जिसमें आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए पांच वर्ष की अतिरिक्त छूट भी दी जाती है.
उन्होंने बताया कि अब यह छूट अन्य आरक्षित वर्गों के साथ-साथ अति पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को भी मिल सकेगी. गौरतलब है कि वर्ष 2020-21 की बजट घोषणा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों को आरक्षित वर्ग के समान आयु सीमा में छूट देने की घोषणा की गई थी.
ममता भूपेश ने बताया मंत्रिमंडल ने नवीन अनुसूचित क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को भी आरक्षण का लाभ देने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इस क्रम में राजस्थान अनुसूचित क्षेत्र अधीनस्थ, लिपिकवर्गीय और चतुर्थ श्रेणी (भर्ती एवं सेवा की अन्य शर्तें) नियम, 2014 में भारत सरकार की 19 मई, 2018 को जारी हुई अधिसूचना के अनुसार संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है.
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल ने युद्ध में शहीद तथा स्थायी रूप से अशक्त सशस्त्र बल सेवा कार्मिकों तथा अर्द्धसैनिक बलों के कार्मिकों के आश्रितों को अनुकम्पा आधार पर नियुक्ति नियम, 2002 में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दी है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कार्मिकों के हितों में बड़ा निर्णय लिया है.