इंडिया न्यूज़, विजेन्दर शर्मा(Jhunjhunu News): राजस्थान के झुंझुनूं के किठाना गांव के रहने वाले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को एनडीए ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद से ही जिले में खुशी का माहौल है। इसे लेकर गांव में जश्न मनाया गया। धनकड़ड़ राजस्थान के एक जाट नेता हैं।
जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में 18 मई 1951 को हुआ था। इनके पिता चौधरी गोकुलचंद धनखड़ खेती करते थे। धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तौडगढ़़ व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से शिक्षा ग्रहण की थी।
उन्होंने 1977 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू कर दी थी। 1986 में मात्र 35 वर्ष की उम्र में ही धनखड़ राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बन गए थे। वर्तमान में वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। 20 जुलाई 2019 को उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद पर शपथ ली थी।
नौवीं लोकसभा (1989 से 1991) के लिए राजस्थान में झुंझुनूं संसदीय सीट से जनता दल उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। उन्होंने चंद्रशेखर मंत्रालय में संसदीय मामलों के राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वहीं 1991 में उन्होंने जनता दल छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। उन्होंने 1991 में कांग्रेस टिकट पर अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा मगर भाजपा के रासा सिंह रावत से हार गए।
1993 में उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा चुनाव से कांग्रेस टिकट पर लड़ कर विजयी प्राप्त की। उन्होंने भाजपा के जगजीतसिंह को हराया था। 1998 में उन्होंने झुंझुनू से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
उन्होंने 2003 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। गत विधानसभा चुनावों में उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा होती रहती थी। मगर उन्होंने भाजपा नहीं छोड़ी। राजस्थान के जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिलाने में धनखड़ की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी। धनखड़ के उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार की घोषणा के बाद उनके गांव किठाना गृह जिले झुंझुनूं सहित राजस्थान के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
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