India News(इंडिया न्यूज),National Highway: 6 महीने पहले नेशनल हाइवे 68 का 32 करोड़ रुपए खर्च करके रिकारपेट का काम करवाया गया था। जिसके गुणवत्ता की पोल मानसून की पहली बारिश ने खोल दी। जिसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि बारिश के बंद होते ही सड़क का मरम्मत कार्य शुरू करवा देंगे। अब बारिश बंद हुए भी एक महीने का वक्त बीत चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया है।
लोगों ने इंडिया न्यूज़ सवांददाता ओम प्रकाश चौधरी से वार्तालाप करते हुए बताया कि बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा कि सांचौर जिले से नेशनल हाईवे निकलता है, लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहां की नेशनल हाईवे से पैदल चलना भी बड़ा मुश्किल हो चुका है जो राहगीर दुपहिया वाहन और पैदल चलते हैं उनकी आंखें धूल से भर जाती है उनको आगे स्क्रीन पर कुछ दिखाई तक नहीं देता।
देखिए इंडिया न्यूज सवांददाता ओम प्रकाश चौधरी से की खास खबर में वार्तालाप को दौरान मौजुदा लोगों ने कहा- यहां गड्ढों की वजह से रोजाना घटनाएं होती है। 32 करोड़ रुपए का हाइवे केवल दो महीने ही चला। इस लापरवाही से यहां के लोग बहुत परेशान है। अगर बात करें राहगीरों की तो, उनका कहना है की उन लोगों को रास्ते में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ज्ञात रहे नेशनल हाइवे 68 के रिकारपेट कार्य का टेंडर होने के बाद यूपी की एक कंपनी ने घटिया गुणवत्ता से सड़क का कार्य किया था। जिसके चलते सड़क बारिश के साथ ही बिखर गई। सांचौर शहर के सच बिहार के सामने से लेकर माखुपुरा तक सड़क का नामो निशान तक नहीं है। इसके अलावा इधर गुजरात बॉर्डर तक व बाड़मेर की तरफ की बात करे तो मनमोहन हॉस्पिटल से लेकर कारोला तक, इसके आगे धमाणा, डेडवा, सिवाड़ा, चारनीम में पास सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। क्षतिग्रस्त नेशनल हाईवे 68 पर अब बाइक सवारों का चलना मुश्किल हो गया है। क्योंकि सड़क बड़े बड़े वाहनों के चलने से धूल के गुबार उड़ रहे हैं। ऐसे में बाइक सवार को सड़क पर कुछ नहीं दिखता है।