India News (इंडिया न्यूज़)MIG-21: हाल ही में क्रेश हुआ MIG-21 का मामला कोई नया नही है। ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। हम आपको बता दें कि इन 16 महीने में MIG-21 विमान करीब 7 बार क्रैश हो चुका है। 5 जनवरी 2021 का वो दिन जब राजस्थान के सूरतगढ़ में मिग क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट अपनी जान बचा कर सुरक्षित बाहर निकल गया था। इसके बाद 17 मार्च 2021का वो दिन जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। तब IAF ग्रुप कैप्टन की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी। 20 मई 2021 का वो दिन जब पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में भी पायलट की जान चली गई थी।
इसके बाद 25 अगस्त 2021 का वो दिन जब राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ और इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने में सफल रहा। 25 दिसंबर 2021 का वो दिन जब राजस्थान में ही मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। इस हादसे में पायलट की जान नही बच सकी थी। 28 जुलाई 2022 का वो दिन जब राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान गई थी। इसके बाद जो हाल हा में 8 मई 2023 को राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। लेकिन इस हादसे में पायलट सुरक्षित है। तो वही 2 नागरीक महिलाओं का जान गई।
आपको बता दें कि जोधपुर में 7 साल पहले भी ऐसा ही हादसा हुआ था। 13 जून 2016 को ट्रेनिंग फ्लाइट पर उड़ा मिग-27 फाइटर प्लेन महावीर नगर में क्रैश हो गया था। वह एक घर की दीवार तोड़कर ड्राइंग रूम तक पहुंच गया, जहां एक महिला दो बच्चों को पढ़ा रही थीं। उन्हें चोटें नहीं आई थीं। पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीपक कांडपाल पैराशूट की मदद से कूद गए थे।
सोवियत संघ ने 1940 में मिग विमान बनाए और 1959 में इसे अपनी वायुसेना में शामिल कर लिया। तब यह 2229 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता था, यानी ध्वनि की रफ्तार से भी 1000 किमी/घंटा ज्यादा। भारत में अप्रैल 1963 में मिग को वायुसेना में शामिल किया गया। 1971 और 1999 की जंग जीतने में मिग का अहम रोल था, लेकिन भारत में इसने पिछले पांच दशकों में 400 क्रैश में 200 पायलटों की जान भी ले ली है। MiG-21 विमानों को 2025 तक भारत के आसमान से उतार लिया जाएगा।