जम्मू-कश्मीर के बाद राजस्थान में मिला लिथियम का भंडार, देश की जरूरतों को अकेला ही करेंगा पूरा

India News (इंडिया न्यूज़)Lithium Reserves: कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर में लिथियम का भंडार मिलने की एक खबर ने सनसनी फैला दी थी। लेकिन इस बार जम्मू-कश्मीर में नही बल्कि राजस्थान में लिथियम का भंडार मिला है। बता दें कि इस खबर से ईवी इंडस्ट्री में खुश की लहर उमड़ी नजर आ रही है।

क्योंकि लिथियम को विदेशों से इंपोर्ट किया जाता है, जिसके चलते इसकी कीमत महंगी होती है। आपको बता दें कि लिथियम का इस्तेमाल ईवी में लगने वाली बैटरी में होता है। वर्तमान में अधिकतर ईवी लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं राजस्थान में मिलने वाला लिथियम भंडार कितना बड़ा है और इससे राज्य को क्या फायदा होने वाला है।

राजस्थान के डेगाना में मिला लिथियम भंडार

राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि राजस्थान के डेगाना में लिथियम के भंडार का पता लगाया गया है। खनन के साथ-साथ भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के अधिकारियों ने कहा कि भंडार हाल ही में जम्मू और कश्मीर में पाए गए भंडार से अधिक बड़ा है। अधिकारियों का मानना है कि यहां लीथियम की मात्रा देश की 80 फीसदी मांग को पूरा कर सकती है।

भारत में EV सेक्टर की ग्रोथ तेजी से हो रही

भारत में EV सेक्टर की ग्रोथ तेजी से हो रही है। जिसके चलते लिथियम की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। लिथियम की मंहगी कीमतों की वजह से ईवी में लगने वाली बैटरियों की कीमतें काफी अधिक हैं। यही वजह है कि इलेक्ट्रिक गाड़ियां डीजल-पेट्रोल की तुलना में महंगी होती हैं।

लिथियम भंडार मिलने से देश को कई उम्मीद

इस लिथियम के भंडार के मिलने के बाद उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में राजस्थान और जम्मू-कश्मीर मिलकर देश की लिथियम की जरूरतों को अकेला पूरा कर देगा और बैटरी की कीमतें पहले की तुलना में काफी सस्ती हो जाएंगी। जिससे ईवी खरीदना और भी किफायती और सस्ता हो जाएगा।
राज्य में प्रचुर मात्रा में लिथियम भंडार मिला

देश के बढ़ते EV उद्योग का उत्साह

सायरा इलेक्ट्रिक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नितिन कपूर ने कहा कि राजस्थान में प्रचुर मात्रा में लिथियम भंडार की हालिया खोज ने देश के बढ़ते इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) उद्योग में उत्साह और रुचि को बढ़ा दिया है। भारत में इसकी उपलब्धता से इम्पोर्ट पर निर्भरता कम करके, इस क्षेत्र को बदलने की क्षमता है। यह देश के ईवी निर्माताओं के लिए एक बड़ा बढ़ावा होगा, जो हाल के दिनों में इम्पोर्टेड लिथियम पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रोडक्शन कॉस्ट में काफी वृद्धि हुई है।

स्थानीयकरण पर सरकार का पूरा ध्यान

Sheru इलेक्ट्रिक के को-फाउंडर और सीईओ का कहना है कि स्थानीयकरण पर सरकार का ध्यान इन मूल्यवान लिथियम रिजर्व्स के खोजों की ओर ले जा रहा है। भारत हमेशा इस तरह के रिसोर्सेज से समृद्ध रहा है और हमें बस खुद को गंभीरता से लेने की जरूरत है। इन रिसोर्सेज का आज इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी) की बैटरी में उपयोग नहीं किया जा सकता है, लेकिन वे विदेशी सप्लायर्स के साथ द्विपक्षीय समझौतों पर अधिक आक्रामक तरीके से बातचीत करने में मदद कर सकते है।

 

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Nisha Parcha

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